नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के फैसले पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने राज्य में रेवड़ी की तरह बांटे जा रहे खनन और स्टोनक्रशरों के लाइसेंस पर सख्त रुख दिखाया है। हाईकोर्ट ने रामनगर कॉर्बेट पार्क के पास दी गई सरकार की अनुमति पर रोक लगाते हुए स्टोन क्रशर निर्माण पर भी रोक लगा दी। साथ ही, सरकार से जवाब भी तलब किया।
हाई कोर्ट ने एक याचिका पर रोक के आदेश दिए। साथ ही, हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस बेंच ने नंधौर वन्यजीव अभ्यरण के ईको सेंसिटिव ज़ोन में खनन की अनुमति पर सरकार से पूछा है कि किस आधार पर अनुमति दी गई। यह भी जानना चाहा है कि क्या वन विभाग द्वारा इस बारे में अनुमति दी गई। गौरतलब है कि दिनेश चंदोला ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर नंधौर वाइल्डलाइफ सेंचुरी में खनन पर रोक लगाने की मांग की थी।
याचिका में कहा गया है कि बाढ़ सुरक्षा के नाम पर खनन की अनुमति सरकार ने दी, लेकिन ये क्षेत्र संरक्षित है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार ऐसे क्षेत्र में खनन पर प्रतिबंध है। याचिका में कहा गया कि सरकार ने अनुमति भी भारत सरकार के नियमों के खिलाफ जाकर दी।