कन्नड़ एक्टर पुनीत राजकुमार का जिम में वर्कआउट के दौरान दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। हार्ट अटैक के तुरंत बाद 46 साल के पुनीत को बेंगलुरु के विक्रम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन से पूरे कर्नाटक में शोक की लहर है। राज्य में सभी थिएटर बंद किए जा रहे हैं। फैन्स को काबू में करने के लिए शहर के कुछ इलाकों में धारा 144 लागू की गई है। कर्नाटक के CM बसवराज बोम्मई भी अस्पताल पहुंचे थे।
पुनीत के पिता राजकुमार साउथ इंडियन सिनेमा के आइकॉन थे। वे कन्नड़ फिल्म इंडस्ट्री के पहले एक्टर थे, जिन्हें दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड मिला था। चंदन तस्कर वीरप्पन ने जुलाई 2000 में तमिलनाडु से उनका अपहरण कर लिया था। पुनीत ने अपने करियर की शुरुआत एक चाइल्ड आर्टिस्ट के रूप में की थी, वे राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित हो चुके थे।
वही एक बाल कलाकार के तौर पर वे 12 फिल्मों में नजर आए हैं। उन्होंने 1986 में फिल्म बेट्टद हूवु के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राष्ट्रीय फ़िल्म अवार्ड जीता है।1980 के दशक में एक बाल कलाकार के तौर पर फिल्मों में नजर आने के पश्चात् पुनीत राजकुमार ने फिल्म अप्पू में एक अग्रणी किरदार के साथ अपने फिल्मी सफ़र का आरम्भ किया। यह एक बहुत बड़ी हिट फिल्म रही थी।
पुनीत राजकुमार को आकाश (2005), अरसु (2007), मिलन (2007) और वंशी (2008) जैसी मूवीज में अपने अभिनय के लिए जाना जाता है जो अभी तक उनकी सबसे बड़ी व्यावसायिक कामयाबी रही हैं। 2007 में आरसु में अपने अभिनय के लिए उन्होंने एक फिल्म फेयर अवार्ड हासिल किया तथा 2008 में मिलन में अपने प्रदर्शन के लिए उन्हें कर्नाटक राज्य का सर्वश्रेष्ठ एक्टर का अवार्ड मिला था।
सीने में दर्द के बाद अस्पताल में भर्ती हुए थे पुनीत राजकुमार
अभिनेता पुनीत राजकुमार को बेंगलुरु के विक्रम अस्पताल में एडमिट किया गया था। बेंगलुरु के विक्रम अस्पताल के डॉ रंगनाथ नायक ने कहा था, ”पुनीत राजकुमार को सुबह 11.30 बजे सीने में दर्द के बाद भर्ती कराया गया था। हमारी बेस्ट टीम उनका इलाज करने की पूरी कोशिश कर रही थी। उनकी हालत गंभीर थी। अस्पताल लाए जाने पर उनकी हालत खराब थी।”