उत्तराखंड: त्रिशूल पर्वत पर चढ़ाई करने गए नौ सेना के 4 जवान शहीद, राजनाथ सिंह ने जताया शोक

इंडियन नेवी के पर्वतारोहियों संग हुए हादसे से पूरा देश सदमे में हैं। माउंट त्रिशूल पर एवलांच (बर्फीले तूफान) की चपेट में आने से लापता नौसेना के चार अधिकारियों के पार्थिव शरीर शव बरामद कर लिए गए हैं। उनमें लेफ्टिनेंट कमांडर रजनीकांत यादव, लेफ्टिनेंट कमांडर अनंत कुकरेती, लेफ्टिनेंट कमांडर योगेश तिवारी और मास्टर चीफ पैट्टी आफिसर हरिओम शामिल हैं। अभियान दल के दो लोग अब भी लापता बताए गए हैं। इनकी तलाश में अभियान जारी रहेगा ।

सितंबर के महीने मुंबई से नौसेना का 20 सदस्यीय दल बागेश्वर में स्थित त्रिशूल पर्वत की चोटी आरोहण करने के लिए निकला था। गुरुवार को छह हजार मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैंप तीन से नौसेना के दस पर्वतारोही आगे बढ़ने लगे। शुक्रवार सुबह खबर मिली की पांच सदस्य और एक पोर्टर एवलांच की चपेट में आ गए हैं। जिस पर बाकी सदस्य अभियान रोक कर कैंप में वापस लौट आए। इसके बाद से ही वायुसेना, थलसेना, एसडीआरएफ, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, हाई एल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग की टीम रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी थी। बता दें कि 7,120 मीटर की ऊंचाई पर स्थित त्रिशूल चोटी के लिए जोशीमठ और घाट से पर्वतारोहियों की टीमें जाती हैं। नौसेना की टीम भी घाट होते हुए गई थी। तीन चोटियों का समूह होने की वजह से इसे त्रिशूल कहा जाता है।

रक्षा मंत्री की संवेदनाएं

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने त्रिशूल पर भारतीय नौसेना के पर्वतारोहण अभियान में शामिल चार नौसेना कर्मियों की मौत पर दुख व्यक्त किया है। एक ट्वीट में श्री सिंह ने कहा कि इस त्रासदी में राष्ट्र ने न केवल अनमोल युवा बल्कि साहसी सैनिकों को भी खोया है।

 

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