देहरादून: उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के लिए एक और अच्छी खबर है। जल्द ही राज्य में 2800 नर्सों की भर्ती की जाएगी। इसके साथ 2000 वार्ड ब्वाय आउटसोर्स से रखे जाएंगे। इसके साथ ही उत्तराखंड के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश के चिकित्सालयों में दवाई व डाक्टरों की कोई कमी नहीं है। एएनएम की भर्ती सरकार वर्षवार करने जा रही है।साथ ही शीघ्र ही 2800 नर्सों की भर्ती की जाएगी।
सरकारी चिकित्सालयों में वार्ड बॉय की कमी पूरी करने के लिए सरकार ने 2000 पदों को भरने के निर्देश सम्बन्धित मुख्य चिकित्साधिकारी को दिए हैं। उन्होंने कहा कि एक्सरे, लेब टैक्निशियन के खाली पदों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से भरने के निर्देश भी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिये गए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा चिकित्सालयों को यह भी निर्देश दिये गये हैं कि चिकित्सालयों में जो गम्भीर मरीज आते हैं, तो आवश्यकता अनुसार उसे हवाई सेवा के माध्यम से बडे़ चिकित्सालय को रेफर करने का भी निर्णय लिया गया है। इसके तहत काफी लोगों को लाभ भी दिया जा चुका है।
उत्तराखंड के चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज प्रातः बीडी चिकित्सालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान मंत्री डॉ धन सिंह रावत एवं क्षेत्रीय विधायक सरिता आर्य, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ भागीरथी जोशी ने संयुक्त रूप से सात प्राईवेट वाडों का उद्घाटन किया। उन्होने इस दौरान मेडिकल वार्ड, पैथोलोजी, फिजियौथैरोपी कक्ष, कार्डोंयोलौजी, प्राईवेट वार्डों का जायजा लेने के साथ ही मरीजों से मुलाकात करते हुए उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली व उनके जल्द स्वस्थ्य होने की कामना की।
उन्होंने कहा कि सभी डाक्टरों व स्टाफ के अधिकारी एवं कर्मचारियों ने कोविड-19 के दौरान भी अच्छा कार्य किया व निरन्तर वर्तमान में भी लोगों को अच्छी स्वास्थ्य सुविधाऐं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि और अधिक बेहतर सुविधा मिले इसके लिए प्रदेश सरकार ने विभिन्न कार्यो के लिए पौने तीन करोड़ की धनराशि दी गई। मरीजों को और अधिक बेहतर सुविधा मिल सके। रावत ने कहा कि अच्छी स्वच्छता के लिए भी बीडी पाण्डे चिकित्सालय को प्रदेश उच्च स्थान प्राप्त हुआ हैं।
मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश के वैलेनेशन सेन्टरों को टेलीमेडिशन से जोड़ा गया जिस पर एक-एक घण्टे अब योगा की क्लास भी चलाई जायेगी। योग प्रशिक्षक को 250-250 रुपये दिये जायेंगे। उन्होंने टेलीमेडिशन को और अधिक विस्तार करने की भी बात कही ताकि उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्र एवं दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा बेहतर मिल सके।