जनता द्वार में डीएम ने सुनी समस्या, 120 शिकायतें दर्ज

देहरादून: शासन स्तर से निर्देशित जनता के द्वार कार्यक्रम के तहत शनिवार को जिलाधिकारी डा. आर राजेश कुमार ने जनजाति क्षेत्र जौनसार-बावर के सुदूरवर्ती चिल्हाड़ गांव में जन समस्याओं के निराकरण को जनता दरबार लगाया। इस दौरान विभिन्न विभाग से संबंधित कुल 120 शिकायतें दर्ज की गई। जिनमें अधिकतर शिकायतों का मौके पर निस्तारण किया गया तथा शेष शिकायतों को सम्बन्धित विभागों को यथाशीघ्र निस्तारण करते हुए आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। अधिकतम शिकयतें पीएमजीएसवाई, लोनिवि, जल संस्थान से सम्बन्धित प्राप्त हुई।

जिलाधिकारी ने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को जनता मिलन कार्यक्रम में प्राप्त शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए इनका शीघ्रता से निस्तारण करना सुनिश्चित करें। क्षेत्रवासियों द्वारा जिलाधिकारी के आगमन पर खुशी जाहिर करते हुए ढोल बजाकर उनका स्वागत किया तथा जिलाधिकारी को माला पहनाकर स्वागत किया।

कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने से10 किमी  पहले कार्यक्रम स्थल की और पैदल आ रहे ग्रामीणों की जिलाधिकारी ने अपना वाहन रोककर समस्या को सुना तथा उनसे शिकायती पत्र प्राप्त किया, जिसमे सिलिकट-कुनेन मार्ग बंद होने से बच्चों के विद्यालय में मलबा आने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने पीएमजीएसवाई के अधिकारीयों को 2 दिन में सड़क खोलते हुए रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। जलजीवन मिशन के तहत जल स्रोतों पर कार्य ना किए जाने की शिकायत पर जिलाधिकारी ने जल संस्थान के अधिकारीयों एक हफ्ते में डीपीआर  तैयार करते हुए आख्या प्रस्तुत करने तथा उप जिलाधिकारी त्यूणी को मॉनिटर करने के निर्देश दिए एक सप्ताह के भीतर आख्या प्रस्तुत ना करने की दशा में सम्बन्धित पर कार्यवाही करने की चेतावनी दी।

क्षेत्रवासियों द्वारा तहसील त्यूणी में प्रभारी तहसीलदार के स्थान पर तहसीलदार दार नियुक्त करने की मांग पर जिलाधिकारी ने शासन को पत्र प्रेषित करने का आश्वाशन दिया। क्षेत्र में ग्रामीणों द्वारा सिलड़ा- चिलड़ा- बनाधार मोटर मार्ग पर रोडवेज बस सेवा शुरू करने की मांग पर जिलाधिकारी ने  उप जिलाधिकारी त्यूंनी को परिवहन विभाग से समन्वय कर बस सेवा शुरू करने के निर्देश दिए। क्षेत्रवासियों द्वारा क्षेत्र में उप सचल दल केन्द्र खोलने की मांग पर खंड विकास अधिकारी त्यूणी को नाबार्ड एवं होट्रिकलचर से समन्वय कर लाभान्वित करने के निर्देश दिए। इस दौरान अधिकतर शिकायतें सड़क, पानी, सिचाई, पुस्ते क्षतिग्रस्त होनेस्वास्थ्य केन्द्र पर चिकित्सक तैनात रखने से संबंधित प्राप्त हुईं।

 

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