नैनीताल/देहरादून: उत्तराखंड में पंचायत चुनाव कराने की राह अब पूरी तरह साफ हो गई है। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चुनाव पर लगी रोक को हटा दिया है, जिससे राज्य निर्वाचन आयोग को अब चुनावी प्रक्रिया आगे बढ़ाने की अनुमति मिल गई है।
हाईकोर्ट के इस अहम फैसले के बाद अब पंचायत चुनाव की तैयारियों को फिर से गति मिलेगी। सूत्रों के अनुसार, निर्वाचन आयोग द्वारा जल्द ही संशोधित तिथि और चुनाव कार्यक्रम जारी किया जाएगा।
गौरतलब है कि इससे पूर्व कुछ संवैधानिक एवं कानूनी बिंदुओं को लेकर पंचायत चुनाव पर रोक लगी हुई थी, जिसे अब हाईकोर्ट ने निरस्त कर दिया है, और इस फैसले को राज्य में लोकतांत्रिक प्रक्रिया की बहाली के रूप में देखा जा रहा है।
चुनावों की तिथि और विस्तृत कार्यक्रम की घोषणा के साथ ही राज्य भर में आदर्श आचार संहिता लागू होने की संभावना है। ग्रामीण क्षेत्र के मतदाताओं, प्रत्याशियों और प्रशासनिक अमले के लिए यह निर्णय बड़ी राहत और स्पष्टता लेकर आया है।
याचिकाकर्ता गणेश दत्त कांडपाल ने कोर्ट में दलील दी थी कि पूर्व की रोटेशन नीति के अनुसार तीन कार्यकाल बाद सीटों का आरक्षण बदला जाता था, लेकिन इस बार सरकार ने कुछ सीटों को लगातार चौथे कार्यकाल तक आरक्षित कर दिया, जो रोटेशन की मूल भावना के विपरीत है।
कोर्ट के फैसले को राज्य में पंचायत शासन की समयबद्ध बहाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल सरकार को राहत मिली है, बल्कि ग्रामीण विकास की प्रक्रिया को भी गति मिलेगी।