दिल्ली : एक तरफ देश पहले से ही महंगाई की मार झेल रहा है, वहीं अब आम जनता के लिए एक और बुरी खबर है। दरअसल, माचिस की डिब्बी के दाम बढ़ने जा रहे हैं। करीब 14 साल बाद माचिस के दाम बढ़े हैं।
तमिलनाडु के शिवकाशी में आयोजित पांच प्रमुख माचिस उद्योग निकायों के प्रतिनिधियों की बैठक ऑल इंडिया चैंबर ऑफ मैचेस – All India Chamber Of Match Industries में माचिस की कीमत बढ़ाने जाने पर सर्वसम्मति से फैसला लिया। प्रतिनिधियों ने 1 दिसंबर से माचिस का अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) 1 रुपये से बढ़ाकर 2 रुपये करने का फैसला लिया है।
ऑल इंडिया चैंबर ऑफ मैचेस की बैठक में माचिस निर्माण की लगात बढ़ने पर चर्चा के बाद कीमतें बढ़ाने का फैसला किया गया। बैठक में माचिस निर्माताओं ने कहा कि माचिस बनाने के लिए 14 तरह के कच्चे माल की जरूरत होती है. और पिछले कुछ समय में इन तमाम कच्चे माल की कीमतें बहुत बढ़ चुकी हैं।
बैठक में बताया गया कि एक किलोग्राम लाल फास्फोरस 425 रुपये से बढ़कर 810 रुपये, मोम की कीमत 58 रुपये से बढ़कर 80 रुपये किलो हो गई है। बाहरी बॉक्स बोर्ड 36 रुपये से बढ़कर अब 55 रुपये में मिल रहा है और भीतरी बॉक्स बोर्ड 32 रुपये से 58 रुपये तक पहुंच गया है। इनके अलावा कागज, स्प्लिंट्स की कीमत, पोटेशियम क्लोरेट और सल्फर के दाम भी बढ़ गए हैं।
नेशनल स्मॉल मैचबॉक्स मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के सचिव वीएस सेथुरथिनम ने कहा है कि माचिस निर्माता 600 माचिस का एक बंडल 270 रुपये से 300 रुपये में बेच रहे हैं। एक माचिस बॉक्स में 50 माचिस की तीलियों आती हैं. अब निर्माताओं ने माचिस के बिक्री मूल्य 60 प्रतिशत बढ़ाकर 430-480 रुपये प्रति बंडल बढ़ाने का फैसला किया है। इसमें 12 प्रतिशत जीएसटी और ट्रांसपोर्ट की लागत शामिल नहीं है।
बता दें कि करीब 14 साल बाद माचिस के दाम बढ़ रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक आखिरी बार साल 2007 में माचिस की कीमत में बढ़ोतरी हुई थी। तब माचिस की कीमत में 50 पैसे का बोझ बढ़ा दिया गया था। इसके बाद माचिस की कीमत 1 रुपए थी। अब यही माचिस 2 रुपए में मिलेगी।