जोशीमठ: उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ के आस्तित्व को लेकर शासन-प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। यहां एक और जहां जमीन धंसने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। तो वहीं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जोशीमठ पहुंचे है। उन्होंने यहां प्रभावित क्षेत्रों का मुआयना किया। इस दौरान उन्होंने यहां प्रभावितों से बातचीत की। कहा कि प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाना उनकी पहली प्रथामिकता है। मुख्यमंत्री ने इससे पहले जोशीमठ के संबंध में अधिकारियों से रिपोर्ट ली।
इससे पहले शुक्रवार को CM धामी ने जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव मामले में उच्चस्तरीय बैठक बुलाई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में जोशीमठ में हो रहे भू-धसाव से संबंधित बैठक में आयुक्त गढ़वाल मण्डल, सचिव आपदा प्रबंधन एवं जिलाधिकारी चमोली से ग्राउंड रिपोर्ट लेकर अतिशीघ्र सुरक्षित स्थान पर एक बड़ा अस्थायी पुनर्वास केंद्र बनाने व डेंजर जोन को तत्काल खाली करवाने हेतु निर्देशित किया।
प्रभावितों के साथ सीएम भी भावुक हुए
साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने सेक्टर और जोनल वॉर योजना बनाने एवं अविलंब आपदा कंट्रोल रूम एक्टिवेट करने हेतु निर्देश दिए। सरकार पूरी गहनता के साथ इस समस्या के निष्कर्ष हेतु कार्य कर रही है। नागरिकों की सुरक्षा व क्षेत्र में हो रही समस्या का समाधान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि जनपद चमोली के जोशीमठ में हो रहे भू-धसाव के सन्दर्भ में हमारी सरकार पूरी सजगता से कार्य कर रही है। तकनीकी विशेषज्ञों की पूरी टीम वहां पहुंच चुकी है, मैं स्वयं भी वहां जाकर स्थिति का जायजा लूंगा।
रिपोर्टस की माने तो 6 जनवरी तक यहां 603 घरों में दरारें आ चुकी हैं। इनमें 100 से ज्यादा घर ऐसे हैं, जो कभी भी गिर सकते हैं। इनमें 44 परिवारों को फिलहाल सुरक्षित जगह पर भेज दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, ISRO और ONGC की टीमें जोशीमठ का सर्व करेंगी।जोशिमठ में कम से कम 9 वार्डों में दरारें और भूमि धंसने की घटनाएं सामने आई हैं। बता दें कि जिला प्रशासन ने प्रभावित परिवारों के लिए 1271 लोगों की क्षमता वाले 229 कमरों की पहचान की है।