खतरें में जोशीमठ का आस्तित्व: धंस रही जमीन-घरों में दरार, जानें वजह…

उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में पहाड़ धंस रहे हैं। दरअसल जोशीमठ में भू धसाव की वजह से दर्जनों परिवारों में रह रहे लोगों के ऊपर संकट खड़ा हो गया है कई परिवारों को शिफ्ट करने की नौबत आई है। वही जोशीमठ मे लगातार हो रहे भूधसाव को देखते हुए जोशीमठ की जनता ने अपने राष्ट्रीय राजमार्ग मे चक्काजाम लगा कर व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। बता दे कि जोशीमठ मे लगातार भूधसाव होने के चलते लोगो के मकानों मे दरार आने से लोग डर के साये मे जीने को मजबूर है।

उत्तराखंड के प्रसिद्ध धार्मिक शहर जोशीमठ में मकानों और होटलों में आ रही दरारों व भू-धसाव ने चिंता बढ़ा दी है। एक तरफ जहां घरों में दरारें पड़ रही हैं तो वहीं जमीन के अंदर से जगह-जगह पानी के फव्वारे फूट रहे हैं। जोशीमठ भू-धंसाव मामले की निगरानी पीएमओ से की जा रही है। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट दीपक सैनी ने बताया कि पीएमओ की ओर से लगातार मामले में अपडेट लिया जा रहा है। लोगों को यहां किसी तरह की परेशानी न हो इसका भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है।

वहीँ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद जोशीमठ जाने की तैयारी कर रहे हैं। सरकार की तरफ से वैज्ञानिकों की एक टीम गठित की गई है, जो जोशीमठ जाकर जमीन धंसने और मकानों में दरार के कारणों का पता लगाएगी। वहीं जोशीमठ को बचाने के लिए आज पांच जनवरी को सुबह लोगों ने बदरीनाथ हाईवे पर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे हाईवे पर लंबा जाम लग गया।  बताया जा रहा है कि भू धंसाव से नगर क्षेत्र के 561 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। नगर पालिका द्वारा सभी घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। कई लोगों ने अपना घर भी छोड़ दिया है।

विशेषज्ञों के अनुसार जोशीमठ में भू-धंसाव का कारण बेतरतीब निर्माण, पानी का रिसाव, ऊपरी मिट्टी का कटाव और मानव जनित कारणों से जल धाराओं के प्राकृतिक प्रवाह में रुकावट है। शहर भूगर्भीय रूप से संवेदनशील है, जो पूर्व-पश्चिम में चलने वाली रिज पर स्थित है। शहर के ठीक नीचे विष्णुप्रयाग के दक्षिण-पश्चिम में, धौलीगंगा और अलकनंदा नदियों का संगम है। नदी से होने वाला कटाव भी इस भू-धंसाव के लिए जिम्मेदार है।

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