आयुष्मान योजना: उत्तराखंड में आयुष्मान योजना के क्लेम के नियमों में बदलाव किया गया है। बताया जा रहा है कि अब लाभार्थी से निशुल्क इलाज का सत्यापन प्रमाण-पत्र लेने के बाद ही आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों के दावों का भुगतान किया जाएगा। ये नियम दो अक्टूबर से लागू हो जाएंगे।
आयुष्मान योजना को कारगार बनाने के लिए नित नए प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब क्लेम के नियमों में बदलाव किया जा रहा है।अब मुफ्त इलाज के लिए लाभार्थी को सत्यापन प्रमाण पत्र देना होगा। सत्यापन प्रमाणपत्र में उल्लेख होगा कि उपचार हेतु चिकित्सालय द्वारा कोई भी धनराशि नहीं ली गयी है तथा उसका उपचार पूर्णत नि:शुल्क किया गया है। सत्यापन प्रपत्र में लाभार्थी यह भी प्रमाणित करेगा कि यह प्रपत्र उसके स्वयं या परिवार के सदस्य द्वारा ही भरा गया है न कि चिकित्सालय के किसी कर्मचारी द्वारा।
गौरतलब है कि आयुष्मान योजना को राज्य में संचालित हुए चार साल पूरे हो गए हैं। इस अवधि में पांच लाख 75 हजार से अधिक बार मरीजों का उपचार किया गया है। पर कुछ लाभार्थियों ने समय-समय पर यह शिकायत की कि योजना में सूचीबद्ध चिकित्सालयों ने उन्हें पूरी तरह नि:शुल्क उपचार का लाभ नहीं दिया गया और उनसे धनराशि ली गई।