डेंगू के मरीजों को कब पड़ती है प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत, कितनी होनी चाहिए प्लेटलेट्स…

  • डेंगू में कब होती है ब्लड चढ़ाने की जरूरत
  • कितनी होनी चाहिए प्लेटलेट्स
  • किन लोगों को है अधिक खतरा

Dengue Causes: इन दिनों देश के कई राज्यों में डेंगू का कहर चल रहा है। डेंगू के मरीजों की संख्या हर दिन बढ़ रही है। डेंगू एक वायरल इंफेक्शन है, जो एडीज डेंगू वायरस से संक्रमित मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू के शुरुआती लक्षण वायरल फीवर जैसे होते हैं और इसकी वजह से कन्फ्यूजन की स्थिति भी हो जाती है। डेंगू फीवर में मरीज का प्लेटलेट काउंट तेजी से गिरता है और कई बार यह महज कुछ हजार रह जाता है। ऐसी कंडीशन में ब्लीडिंग का खतरा बढ़ता है और सही इलाज न होने पर व्यक्ति की मौत भी हो सकती है।

डेंगू के कारण कुछ मरीजों में इस बुखार की वजह से प्लेटलेट्स का लेवल गिर रहा है। यह जानना भी जरूरी है कि डेंगू के मरीज में प्लेटलेट्स का लेवल कितना होना चाहिए। ये जानकारी इसलिए जरूरी है क्योंकि प्लेटलेट्स गिरने पर मरीज/ तीमारदार बेहद परेशान होने लगते हैं।

कई बार लोगों को लगता है कि 1 लाख प्लेटलेट्स भी खतरे की बात है, लेकिन क्या ऐसा सही में है? हम आप को विस्तार से बताते हैं कि प्लेटलेट्स कितनी होती है और कितने से कम होना खतरे का संकेत है। वैसे तो आम इंसान के शरीर में 3 से 4 लाख तक प्लेटलेट्स होती हैं। डेंगू में ये कम होकर 1 लाख या फिर 50 हजार तक हो जाती है, लेकिन ये खतरे की बात नहीं है।

डॉक्टरों की माने तो अगर किसी मरीज की प्लेटलेट्स 50 हजार तक भी है तो चिंता की कोई बात नहीं है। खतरा तब होता है जब प्लेटलेट्स 10 हजार से कम होती है, हालांकि अगर किसी मरीज को ब्लीडिंग हो रही है तो डॉक्टर इन स्थिति में प्लेटलेट्स चढ़ाने के लिए कह सकता है। ऐसे में मरीज के लिए ब्लड की जरूरत पड़ती है।

अक्सर देखा जाता है कि लोग 1 लाख या 50 हजार प्लेटलेट्स होने पर ही घबरा जाते हैं। इसमें घबराने की जरूरत नहीं है। अगर डेंगू के गंभीर लक्षण नहीं है और ब्लीडिंग नहीं हो रही है तो 10 हजार प्लेटलेट्स होने पर भी कोई खतरा नहीं है। लोगों के लिए जरूरी है कि वह डेंगू के खतरनाक लक्षणों की जानकारी रखें। अगर ऐसी कोई परेशानी हो रही है तो डॉक्टर से तुरंत सलाह लें।

डॉ दीपक सिंह के मुताबिक डेंगू फीवर का सही इलाज किया जाए तो करीब एक सप्ताह में इससे रिकवर हो सकते हैं। हालांकि डायबिटीज, टीबी, एड्स, बुजुर्ग, बीपी के मरीज, छोटे बच्चे और कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए डेंगू जानलेवा साबित हो सकता है। ऐसे लोगों को डेंगू को लेकर बहुत सावधानी बरतनी चाहिए। डायबिटीज के मरीजों का ब्लड शुगर लेवल डेंगू की वजह से अत्यधिक बढ़ सकता है, जिससे मल्टी ऑर्गन फेलियर हो सकता है।

जानें डेंगू फीवर के लक्षण

  • 100 डिग्री से ज्यादा बुखार बने रहना
  • तेज सिर दर्द होना
  • स्किन पर रैशेज होना
  • आंखों के नीचे दर्द
  • जॉइंट और मसल्स में दर्द
  • अत्यधिक थकान होना
  • उल्टी–दस्त
  • पेट में दर्द होना

डॉक्टर कहते हैं कि डेंगू फीवर से बचने के लिए आपको मच्छरों से बचाव करना होगा। मच्छरों से बचने के लिए मॉस्किटो रेपेलेंट क्रीम या लोशन लगाएं। बुखार आने पर डॉक्टर से सलाह लेकर ब्लड टेस्ट कराना चाहिए। अगर आप शुरुआती स्टेज पर इसका इलाज शुरू कर देंगे, तो आप करीब एक सप्ताह में डेंगू से रिकवर कर सकते हैं।

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