बागेश्वर । उत्तराखंड के बागेश्वर में वनों की रक्षा के लिए इस बार वन विभाग ने पहली बार मास्ट्रर कंट्रोल रूम तैयार किया है। इसमें टीवी, इंटरनेट समेत सेटेलाइट व्यवस्था की जा रही है। जिले के किसी भी जंगल में आग लगने के घटना की जानकारी इस कंट्रोल रूम में मिल जाएगी। उसके बाद जिस रेंज आग लगी होगी, वहां के कर्मचारियों को आग बुझाने के लिए भेजा जाएगा। आग बुझ।ने के सारी जानकारी इंटरनेट के माध्यम से अपलोड होगी। ताकि जंगलों को आग से बचाया जा सके। 15 फरवरी से 15 जून का समय फायर सीजन का होता है। हर साल बागेश्वर के जंगलों में फायर सीजन से पहले ही आग लगने की घटना शुरू हो जाती है।
हर बार सीमित संसाधनों के चलते विभाग आगपर चाह कर भी काबू नहीं कर पाता। लेकिन इस बार वन विभाग ने जंगलों को आग से बचाने के लिए कई नई व्यवस्थाएं बनाईं हैं। वनों को आग से बचाने के लिए लीफ ब्लोअर और ड्रोन कैमरे की मदद ली जाएगी। जिले के छह रेंजों में 29 क्रू स्टेशन बनाए गए हैं. 87 फायर वॉचरों की तैनाती की गई है। विभाग के वन दरोगा और वन रक्षक भी जंगलों की सुरक्षा में मुस्तैद रहेंगे।
बागेश्वर के डीएफओ हिमांशु बागरी ने बताया कि विभाग ने इस बार जंगल की आग पर काबू पाने के लिए लीफ ब्लोअर का इस्तेमाल करेगा। जिले में पहली बार लीफ ब्लोअर का इस्तेमाल होगा। विभाग लगातार वर्निंग कंट्रोल भी करेगा। ड्रोन और लीफ ब्लोअर के लिये लगभग 7 लाख रुपये का बजट विभाग को मिला है। उन्होंने बताया कि आचार संहिता हटते ही ड्रोन और लीफ ब्लोअर बागेश्वर के जंगलों को आग से बचाते हुए नजर आयेंगे। डिवीजन में मास्टर कंट्रोल रूम बनाया गया है। यहां से कहां-कहां आग लगी है इसकी जानकारी मिलेगी।