नाबलिग छात्राओं से छेड़छाड़ के मामले में अदालत ने स्कूल के दो शिक्षकों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई है। दोनों पर 25-25 हजार का जुर्माना भी लगाया है। जिला सत्र न्यायाधीश कौशल किशोर शुक्ला की अदालत ने सोमवार को दोनों शिक्षकों को सजा सुनाई। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता पूनम सिंह ने बताया कि 2018 में शिक्षकों पर नाबालिग छात्राओं ने भौतिक विज्ञान प्रवक्ता प्रदीप भंडारी और जीव विज्ञान प्रवक्ता सचिन डोडी पर छेड़खानी करने का आरोप था।
इस मामले में उत्तरकाशी कोतवाली पुलिस ने पोक्सो ऐक्ट में मुकदमा दर्ज किया था। उस समय आरोपितों की ओर से अभिभावकों और छात्राओं पर कई तरह का दबाव भी बनाया गया। बचपन बचाओ आंदोलन की दखल के बाद शिक्षा विभाग ने दोनों शिक्षकों को निलंबित कर पौड़ी मंडल मुख्यालय में अटैच किया। इस मामले में पुलिस ने 7 फरवरी 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया। शासकीय अधिवक्ता पूनम सिंह ने बताया कि इसमें अभियोजन पक्ष की ओर से छह छात्राओं सहित 15 गवाह और अन्य साक्ष्य पेश किए गए जिसके बाद बीते सोमवार को अभियोजन और बचाव पक्ष की दलील सुनने के बाद जिला कौशल किशोर शुक्ला की अदालत ने अभियुक्तों को दोषी पाते हुए उन्हें 5-5 साल के सश्रम कारावास और जुर्माने की सजा सुनाई गयी है।