खुद का मूत्र पीने के बारे में कोई बमुश्किल ही सोच सकता है लेकिन ये दुनिया है और यहां कुछ भी हो सकता है। आपने कहीं पढ़ा या सुना होगा कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई बीमारियों को दूर रखने के लिए अपना मूत्र पीते थे। इसका खुलास उन्होंने अमेरिकी पत्रकार डैन रैथर को दिए एक इंटरव्यू में किया था। इसके अलावा हॉलीवुड सिंगर मैडोना और मशहूर ब्रिटिश अदाकारा सराह माइली भी मूत्र पीने के बारे में ऐसा ही कुछ बता चुकी हैं।
कैसा रहा हैरी का अनुभव?
अब इंग्लैंड के रहने वाले एक 34 वर्षीय व्यक्ति हैरी मतादीन (Harry Matadeen) ने भी मूत्र पीने के बारे में ऐसी ही बात कबूली है। हैरी ने दावा किया कि वो प्रतिदिन अपना मूत्र पीते हैं और इसने उन्हें डिप्रेशन से लड़ने में मदद की और उन्हें 10 साल और युवा बना दिया. न्यूयॉर्क पोस्ट (New York Post) के अनुसार, हैम्पशायर के हैरी मटाडेन ने 2016 में अपना पेशाब पीना शुरू किया था क्योंकि वह अपनी मानसिक समस्याओं को सुधारना चाहते थे। उन्होंने खुलासा किया कि ‘मूत्र चिकित्सा’ (Urine Therapy)ने उनके अंदर एक अलग तरह की शांति और दृढ़ संकल्प की भावना पैदा की।
आज भी कई देशों में होता है इस्तेमाल
मातादीन ने Jam Press से कहा,“यह मेरी सोच से परे था कि यह कितना शक्तिशाली हो सकता है जब मैंने इसे पीया तो मुझे इसकी शक्ति महसूस हुई। जब अपना ही मूत्र पीया, तो यह कितना शक्तिशाली था। जिस क्षण से मैंने पेशाब पीया, इसने मेरे दिमाग को जगा दिया और मेरे अवसाद को दूर कर दिया।” मुझे एहसास हुआ कि मैं इसे फ्री में पा सकता हूं और ये मुझे खुश रखने में भी मदद करेगी. आज मूत्र चिकित्सा( urine therapy) को यूरोफैगिया या यूरोथेरेपी(urophagia or urotherapy) के नाम से जाना जाता है. मूत्र का औषधीय इस्तेमाल आज भी कइ देशों में किया जाता है।
मातादीन ने बताया कि वह रोज लगभग 200 मिलीलीटर यूरीन पीता है। यह अकसर एक महीने पुराना होता है लेकिन वे इसमें ताजा पेशाब की कुछ बूंदें भी मिलाते हैं। मतादीन ने कहा कि उसका यूरीन “सुपर क्लीन” है। उसने कहा कि ताजे पेशाब में अक्सर गंध ना के बराबर होती है और इसका स्वाद भी उतना खराब नहीं होता जब तक कि आप टॉक्सिक न हों। क्या होती है यूरीन थेरेपी? स्वमूत्र चिकित्सा या यूरीन थेरेपी का अर्थ होता है स्वयं के मूत्र से विभिन्न बीमारियों का उपचार। भारत में इस पद्धति का प्रयोग वर्षों से होता आ रहा है। हम अपने पेशाब के द्वारा बहुत से रोग है जिन्हें हम दूर कर सकते है। इस पद्धति में न तो रोगी की नाड़ी देखने की आवश्यकता है, न एक्स-रे लेने की। इसके अलावा इसमें कोई धन खर्च भी नहीं होता। लोगों का मानना है कि यह प्रतिरक्षा तंत्र को दोबारा स्थापित करता है और अच्छे स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इससे पहले भी कई लोग मूत्र पीने को लेकर स्वास्थ्य और त्वचा संबंधी कई बीमारियों से निजात पाने का दावा कर चुके हैं। केंट नेविंगटन की एक 33 वर्षीय योगा टीचर ने दावा किया था कि खुद का मूत्र पीने से उन्हें लंबी स्वास्थ्य समस्याओं से छुटकारा मिला।
डॉक्टर नहीं मानते पेशाब पीने को ठीक
इतने सारे लोगों के पेशाब पीने के बावजूद कई डॉक्टरों का मानना है कि यह सेहत के लिए अच्छा नहीं है। मूत्र को शरीर से निकला अपशिष्ट पदार्थ कहा जाता है। पेशाब करना वह क्रिया है जिसमें विषाक्त पदार्थ शरीर छोड़ता है।
डॉक्टर दीपक सिंह का कहना है कि पेशाब जीवाणु रहित होते हैं। हालांकि, यह तब होता है जब आपके गुर्दे में कोई दिक़्क़त नहीं होती है। जब यह शरीर से निकलते हैं तो यह जीवाणु से दूषित हो सकते हैं और आपके शरीर में जीवाणु आने से आप बीमार हो सकते हैं या कुछ गंभीर शारीरिक जटिलताएं बन सकती हैं। ऐसे कोई सबूत नहीं हैं कि शरीर में ऐसे कुछ पदार्थ डालने से स्वास्थ्य को कोई फ़ायदा होता है।