चमोली: उत्तराखंड में तीन दिनों तक भारी वर्षा की चेतावनी को देखते हुए चमोली जिला प्रशासन ने फूलों की घाटी की सैर पर 17 सितंबर तक रोक लगा दी है। पर्यटकों की सुरक्षा के मद्देनजर यह एहतियाती कदम उठाया गया है मौसम विभाग की चेतावनी के अनुसार, कुमाऊं मंडल के सीमांत जनपद और गढ़वाल मंडल के रुद्रप्रयाग में स्कूलों में दो दिन का अवकाश घोषित किया गया है। दो दिन उत्तराखंड में भारी बारिश को लेकर आरेंज अलर्ट, जबकि शनिवार के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित विश्व धरोहर फूलों की घाटी नंदा देवी नेशनल पार्क के अंतर्गत आती है। इसकी प्राकृतिक खूबसूरती और जैविक विविधता के कारण वर्ष 2005 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर घोषित किया था। 87.5 वर्ग किमी में फैली फूलों की घाटी न सिर्फ भारत बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी अपनी ओर आकर्षित करती है।
रिपोर्ट के मुताबिक अब तक रिकॉर्ड 19852 पर्यटक फूलों की घाटी के दीदार के लिए पहुंचे हैं, जबकि 2019 में इस समय तक सर्वाधिक 17,424 पर्यटक घाटी में पहुंचे थे। फूलों की घाटी 31 अक्तूबर को बंद हो जाएगी। फूलों की घाटी में इस बार पर्यटकों की पूरे सीजन में चहल-पहल बनी रही। एक जून को घाटी पर्यटकों के लिए खोल दी गई थी। घाटी में पांच सौ से अधिक प्रजातियों के फूल अलग-अलग समय पर खिलते हैं। जुलाई के पहले हफ्ते से अक्टूबर तीसरे हफ्ते तक कई फूल खिले रहते हैं।
यहां पोटोटिला, प्रिम्यूला, एनीमोन, एरिसीमा, एमोनाइटम, ब्लू पॉपी, मार्स मेरी गोल्ड, ब्रह्म कमल, फैन कमल जैसे कई फूल खिले रहते हैं। घाटी में दुर्लभ प्रजाति के जीव जंतु, वनस्पति व जड़ी बूटियों का भंडार है। विभिन्न प्रकार के फूल होने पर यहां तितलियों का भी संसार रहता है। इस घाटी में कस्तूरी मृग, मोनाल, हिमालय का काला भालू, गुलदार और हिम तेंदुए के भी दीदार होते हैं।