चमोली: हेमकुंड यात्रा की तैयारियों को लेकर गुरुवार को भारतीय सेना की 418 इंडिपेंडेंट इंजीनियरिंग कोर ने हेमकुंड गुरुद्वारे तक पैदल आवाजाही सुचारु कर दी है। इसके साथ ही सेना के जवानों ने यात्रा मार्ग के खतरनाक बने हिस्सों का सुधारीकरण और घोड़े-खच्चरों के मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य शुरु किया जाएगा। सेना के 35 सदस्य एवं ट्रस्ट के 15 सेवादारों की मौजूदगी में यहां अरदास के बाद गुरुद्वार प्रांगण के मुख्य द्वार को खोला गया। हेमकुंड साहिब के आस्था पथ से बर्फ हटाने का काम जारी है।
गुरुद्वारे का मुख्य द्वार खुलने के साथ ही हेमकुंड साहिब से नीचे की और मार्ग पर बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। मौसम साफ होते ही सेना के जवानों और गुरुद्वारे के सेवादारों ने हेमकुंड साहिब के आस्था पथ से बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया था। हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग घांघरिया से दो किमी आगे अटलाकोटी ग्लेशियर प्वाइंट से आगे बर्फ से ढका हुआ है।
सेना के जवान और सेवादार रविवार को गोविंदघाट से घांघरिया के लिए रवाना हुए थे। उन्हें सोमवार को बर्फ हटाने का काम शुरू करना था, लेकिन मौसम खराब होने से सोमवार को काम नहीं हो पाया। मंगलवार को मौसम साफ रहा। जिसके बाद सेना के जवानों और सेवादारों ने पहले मार्ग का निरीक्षण किया और फिर बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया गया।आज को सेना के जवान हेमकुंड साहिब पहुंच गए हैं। यहां नीचे की और मार्ग पर बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि मंगलवार को ऊर्जा निगम की टीम ने भी बर्फ से क्षतिग्रस्त विद्युत लाइनों का निरीक्षण किया। जिसके बाद यहां लाइन की मरम्मत का काम शुरू किया जाएगा।