हल्द्वानी: कई विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके राजकीय मेडिकल कालेज हल्द्वानी में आर्टिस्ट के पद पर कार्यरत प्रकाश उपाध्याय ने एक और उपलब्धि हासिल की हैं। प्रकाश उपाध्याय में विश्व का सबसे छोटा गिटार (वर्किंग मॉडल) बनाकर लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज किया है। अब तक कई कीर्तिमान अपने नाम करने वाले प्रकाश उपाध्याय ने काफी लगन और मेहनत से विश्व के सबसे छोटे गिटार का निर्माण किया।
हल्दूचौड़ निवासी आर्टिस्ट प्रकाश चंद्र उपाध्याय के नाम इससे पहले छह व्यक्तिगत विश्व रिकॉर्ड और तीन सामूहिक (गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड ) जिसको संयुक्त राष्ट्र अमेरिका की प्रतिष्ठित किताब गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड (2019) में शामिल किया गया है।
प्रकाश चंद्र उपाध्याय ने चार घंटा 30 मिनट में महज तीन सेंटीमीटर लंबाई के साथ शुद्ध चंदन की लकड़ी , तांबे, एल्मुनियम के तार व पिन से गिटार का वर्किंग मॉडल तैयार करके अपना सातवां नया व्यक्तिगत विश्व रिकॉर्ड बनाया है। जिसकी आवाज को माइक के माध्यम से बडे अच्छे से सुना जा सकता है। गिटार को चार घंटा 30 मिनट की समयावधि में 29 अप्रैल 2020 को बनाया था, जिसे लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड (2021-22) में दर्ज किया है।
प्रकाश ने नाम दर्ज हैं कई सम्मान: आर्टिस्ट प्रकाश को उत्तराखंड के नारी संघर्ष, पलायन व सामाजिक सरोकारों और वर्तमान परिपेक्ष से जुड़े विषयों पर पेंटिंग बनाना व कलात्मकता पर नये प्रयोग करना पसंद है। प्रकाश ने राज्य के अलावा देश के विभिन्न शहरों की चित्रकला प्रदर्शनी व कार्यशाला में प्रतिभाग किया है। उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित अखिल भारतीय चित्रकला प्रतियोगिता में द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
इनके अतिरिक्त गोल्ड अवार्ड ,एक्सीलेंस अवार्ड (2020) एक्सीलेंस अवार्ड (2)(2021) उत्तराखंड आइकन अवार्ड 2021 ,’मातृका पुरस्कार’, नटराज कला रत्न सम्मान, कलाअनन्त सम्मान ,कोरोना वोरियर सम्मान ,उत्कृष्टता सम्मान, राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा कई स्वर्ण पदक, कांस्य पदक ,प्रशस्ति पत्र, प्रतीक चिन्ह प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त प्रकाश उपाध्याय ने कोरोना काल में 80 से अधिक राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन चित्रकला प्रतियोगिता, प्रदर्शनी व कार्यशालाओं में प्रतिभाग किया।
इससे पहले प्रकाश उपाध्याय ने विश्व का सबसे छोटा हस्तनिर्मित चरखा (वर्किंग मॉडल) जिसका साइज 5 ×6×4 मिलीमीटर था जो कि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में (2017) में दर्ज हुआ। इसके बाद इन्होंने अपना ही रिकॉर्ड हस्तनिर्मित चरखा (वर्किंग मॉडल) को तोड़ा, जिसका साइज 4.50 ×3.50× 3.50 मिलीमीटर है जो कि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में (2019) में दर्ज है।