‘कैटी’ ने 30 सेकेंड में पकड़ा कातिल, मिलेगा Employee Of The Month अवॉर्ड

  • उधम सिंह नगर के डॉग स्क्वायड में शामिल कैट्‌टी को मिला पुरस्कार
  • हत्या के एक मामले में महज 30 सेकेंड में आरोपी की कर दी पहचान
  • आरोपी ने पुलिस की पूछताछ के बाद गुनाह कबूला, अब कैट्‌टी की तारीफ

ऊधमसिंहनगर: ऊधमसिंह नगर पुलिस की स्नीफर डाग कैटी उत्तराखंड की सबसे खास स्नीफर डाग बन गई है। कैटी इन दिनों चर्चा में है क्योंकि उसने जसपुर में हुए शाकिब हत्याकांड को मात्र 30 सेकेंड में सुलझा दिया जिसके लिए उसे काफी सराहना मिल रही है।

बता दें कि 6 मार्च को जसपुर में गेहूं की खेत में शाकिब अहमद का शव पड़ा मिला था। पुलिस मौके से खून से सने कपड़े और चाकू बरामद कर घटना के पर्दाफाश में जुटी थी। शक के आधार पर पुलिस ने शाकिब के चचेरे भाई काशिम उर्फ दानिश व दो अन्य संदिग्धों को हिरासत में लिया। जैसे ही कैटी को खून से सने कपड़े सुंघाने के बाद संदिग्धों के सामने लाया गया उसने मात्र 30 सेकेंड में ही मुख्य आरोपित काशिम पर झपट्टा मारा। इसके बाद पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो उसने हत्या करना स्वीकार कर लिया।

पुलिस अधिकारियों का मानना है कि जसपुर में अगर कैटी को नहीं बुलाया जाता तो पर्दाफाश होने में अधिक वक्त लग जाता। कैटी की इस सफलता पर एसएसपी डा. मंजूनाथ टीसी ने ढाई हजार का इनाम और पुलिसमैन आफ द मंथ घोषित किया। यह पहली बार है जब किसी स्नीफर डाग को इस अवार्ड के लिए उत्तराखंड पुलिस में नामित किया गया है। ऊधमसिंह नगर डाग स्क्वायड इंचार्ज एएसआइ रमेश चंद्र ने बताया कि कैटी अब तक करीब दस मामलों को उजागर कर चुकी है। जसपुर हत्याकांड के अलावा किच्छा में हुए डोरी लाल हत्याकांड का पर्दाफाश किया था।

सात साल पहले 25 फरवरी को किच्छा के वार्ड सात स्थित एक खेत में डोरी लाल का सड़ा-गला शव मिला था। कैटी सूंघने के बाद पुलिस को सौ मीटर दूर एक बंद पड़े घर में ले गई। जब पुलिस ने कमरे का ताला तोड़ा तो अंदर से वारदात की पूरी कहानी निकल कर आ गई। इसके अलावा लूट व चोरी की घटनाओं को सुलझाने में इसकी भूमिका अहम रही है। साल 2015 में जर्मन शेफर्ड कैटी ऊधमसिंह नगर पुलिस टीम में शामिल हुई थी। एसएसपी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि कैटी अपनी वफादारी के लिए भी खास पहचान रखती है। आठ साल के अनुभव से वह बहुत जल्दी रक्षात्मक स्वभाव दिखाने लगती है। नई चीजों को बहुत आसानी के साथ सीख लेती है। कैटी को पंचकूला के आइटीबीपी सेंटर से प्रशिक्षण दिलाया गया है।

 

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