देहरादून: उत्तराखंड में भारी वर्षा के चलते जगह-जगह से तबाही की खबरें सामने आ रही है। देहरादून, टिहरी और पौड़ी में बादल फटने से हाहाकार मच गया। यमकेश्वर और टिहरी के कीर्तिनगर में बादल फटने के बाद मकान के मलबे में दबकर दो महिलाओं की मौत हो गई है। टिहरी में ही मकान के मलबे में सात लोग दब गए हैं, जिन्हें निकालने की कोशिशें जारी हैं और कई लोग लापता हैं। वहीं यमकेश्वर में बादल फटने से वृद्धा की मौत हो गई है। कई मवेशी बह गए हैं।
राजधानी देहरादून के रायपुर इलाके में कल देर रात 02:45 बजे बदल फटने की घटना से क्षेत्र में जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यहाँ बदल फटने के बाद आये भारी मलबे में कुछ लोगों के घर भी बह गए हैं।वहीं आज तडके पौड़ी जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में भी में बादल फटने की सूचना मिली है। बादल फटने से वृद्धा की मौत की खबर मिली है, जबकि कई मवेशी बह गए हैं। मिली जानकारी के मुताबिक यमकेश्वर तहसील में बदल फटने से तीन गांवों में जनजीवन प्रभावित हो गया है। कई गांवों में लोगों के घर जमींदोज हो गए हैं। एक महिला की मलबे में दबकर मौत हो गयी है। वहीं ग्रामीणों के कई मवेशियों के बह जाने का भी अंदेशा है।
पौड़ी के जिला आपदा प्रबंधन केंद्र के अनुसार यमकेश्वर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत तड़के साढ़े 3 बजे बादल फटने से भारी तबाही हो गयी है। आपदा कन्ट्रेाल रूम से प्राप्त जानकारी के अनुसार तहसील यमकेश्वर के ग्राम बिनक में मकान के छतिग्रस्त होने से एक वृद्ध महिला की मृत्यु होने की प्राथमिक सूचना है। देर रात बारिश के चलते विधानसभा यमकेश्वर के अंतर्गत तीन मुख्य सड़क मार्ग राज्य राजमार्ग संख्या-09 रूट में लक्ष्मण झूला, दुगड्डा और धुमाकोट, नीलकंठ मोटर रोड और नालीखाल पोखरी खेत मुख्य सड़क मार्ग अवरुद्ध हैं। इसके अतिरिक्त मराल में एक चक्की के क्षतिग्रस्त होने तथा 2 पशुधन की हानि के साथ-साथ कुछ कृषि भूमि पर मलवा आने की सूचना प्राप्त हुई है। जिन लोगों के मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं उनको ग्राम पंचायत में सुरक्षित स्थानों पर विस्थापित किया गया है।
जिलाधिकारी डॉ विजय कुमार जोगदण्डे ने जनपद आपदा कंट्रोल रूम का निरीक्षण कर संबंधित विभागीय अधिकारियों को तत्काल अलर्ट रहने और स्थानीय स्तर पर संबंधित विभागों को तत्काल प्रभावित स्थलों का मौका मुआयना करते हुए प्राथमिक रेस्क्यू की कार्रवाई संपन्न करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही स्थानीय तहसील प्रशासन और संबंधित विभागों द्वारा प्रभावित विभिन्न संबंधित स्थानों पर स्थानीय लोगों की सहायता से प्राथमिक रेस्क्यू कार्य संपादित किया जा रहा है।