GST Council Meeting: जिंदगी बचाने वाली वाली दवाओं पर GST में छूट, पेट्रोल-डीजल पर बड़ा झटका

कोरोना वायरस की वजह से बार-बार टलने के बाद शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में जीएसटी काउंसिल की 45वीं बैठक की गई, बैठक में कोरोना से राज्यों की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले असर पर भी चर्चा हुआ है। इस साल की जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक में सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की उम्मीद थी। लेकिन  केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी काउंसिल को लगा कि यह पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकतर राज्य इस विचार से सहमत हैं। मतलब ये कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बड़ी कटौती का इंतजार कर रहे लोगों के लिए एक झटका है। हालांकि, तेल विपणन कंपनियों को डीजल में मिलाने के लिए आपूर्ति की जाने वाली बायोडीजल पर जीएसटी दर को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। अब देखना अहम होगा कि तेल कंपनियां क्या ग्राहकों को इस छूट का फायदा देती हैं कि नहीं। आपको बता दें कि पेट्रोल और डीजल की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर हैं। इस वजह से आम लोगों की जेब पर बोझ बढ़ रहा है। यही वजह है कि पेट्रोल और डीजल के जीएसटी दायरे में लाने की उम्मीद की जा रही थी।

कोरोना दवाओं पर छूट बरकरार: मीडिया से बात करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि कोरोना से जुड़ी दवाओं पर जीएसटी छूट जारी रहेगी। ये छूट 31 दिसंबर 2021 तक के लिए है। वहीं, जीवन-रक्षक दवाओं पर भी जीएसटी छूट का फैसला लिया गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि ज़ोल्गेन्स्मा और विल्टेप्सो दवाओं पर जीएसटी छूट दी गई है। ये दोनों बेहद जरूरी दवाएं हैं जिनकी कीमत करीब 16 करोड़ रुपए है। इसलिए जीएसटी काउंसिल ने इन 2 दवाओं के लिए जीएसटी से छूट देने का फैसला किया है। वहीं, मेडिकल इक्विपमेंट्स पर जीएसटी छूट नहीं दी गई है। 

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