कुलांटेश्वर/ बीरोंखाल: गढ़वाल- कुमाऊं बॉर्डर पर स्थित देवभूमि उत्तराखंड के प्रसिद्ध शक्तिपीठ कालिंका मंदिर में एक विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में पहुचे प्रदेश के पर्यटन, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने लोक कलाकारों के लिए कई महत्वपूर्ण घोषणायें की। चौबट्टाखाल के विधायक सतपाल महाराज ने कई सड़को के डामरीकरण की भी घोषणा की। इन सड़कों में कई ऐसी भी हैं जिनकी वे पहले भे के अवसरों पर घोषणा कर चुके है। कुमाऊं व गढ़वाल की जनता को महाराज से कई आशाएं थी लेकिन जनता की अपेक्षाओं पर मंत्री जी खरे नही उतरे।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज की घोषणाओं से इलाके की जनता बेहद निराश है। महाराज इस वक्त p w d मंत्री भी हैं। उनसे सड़कों को पक्का करने की मांग स्थानीय जनता लगातार कर रही है। बैजरो बएडा मार्ग को पक्का करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन भी पिछले 1 साल से चल रह है। महाराज ने बस ये घोषणा की कि 15 किलोमीटर सड़क का 3 किलोमीटर हिस्सा पक्का करेंगे। इससे लोगों का गुस्सा और बढ़ रहा है।कार्यक्रम के दौरान संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के लोक कलाकारों को संस्कृति विभाग द्वारा एक पहचान पत्र जारी किया जाएगा। इस पहचान पत्र में कलाकार का आधार नंबर, आय एवं अन्य सभी प्रकार के विवरण उपलब्ध होंगे। यह पहचान पत्र सभी कलाकारों को हर प्रकार की सुविधाएं दिलाने में बेहद उपयोगी होगा।
उन्होंने घोषणा की कि कलाकारों की पहचान ग्राम सभा, ब्लाक एवं नगरपालिका स्तर से होगी, ऐसा करने से जमीनी व पारंपरिक कलाओं से जुड़े वास्तविक कलाकारों की सही पहचान हो पाएगी। कलाकारों को उनकी श्रेणी और कला के अनुसार श्रेणीबद्ध किया जाएगा।
महाराज ने कहा कि पहचान पत्र के आधार पर संस्कृति विभाग उत्तराखंड द्वारा चयनित कलाकारों का जीवन बीमा, स्वास्थ्य बीमा एवं दुर्घटना बीमा भी करायेगा। उन्होंने घोषणा की कि 45 वर्ष से अधिक आयु के मूर्धन्य चयनित कलाकारों के माध्यम से उनके निकटवर्ती पंचायत घरों, सामुदायिक भवनों अथवा मिलन केंद्रों में सांस्कृतिक कार्यशालयें संचालित कराई जाएंगी, जिससे कि उनके लिए नियमित आर्थिकी की व्यवस्था हो सके।
उन्होंने यह भी घोषणा की कि संस्कृति विभाग द्वारा निर्माणाधीन प्रेक्षागृहों को सांस्कृतिक केंद्रों के रूप में विकसित किया जाएगा, जिससे खराब मौसम आदि में भी कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकें। महाराज ने कहा कि हमारी सरकार गढ़वाल और कुमाऊ में देवी सर्किट बनाना चाहती है जिसमे 12 देवी के मंदिर गढ़वाल व 12 कुमाऊ से होंगे। उन्होंने कहा कि हम प्रसिद्ध ढोलसगर का एक आयोजन करना चाहते है, जिसमे 3 हजार ढोल बादकों को बुलाया जाएगा ताकि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड बनाया जा सके।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने महाकाली मंदिर समिति गढ़वाल-अल्मोड़ा के समस्त पदाधिकारियों एवं हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के प्रसिद्ध शक्तिपीठ महाकाली का यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र है। मां भगवती को हम सभी शक्ति, ज्ञान, स्वास्थ्य व खुशहाली का प्रतीक मानकर उनकी पूजा करते हैं। उन्होंने कहा कि मुझे शक्तिपीठ मां भगवती कालिंका के नवनिर्मित मंदिर उद्घाटन एवं मूर्ति स्थापना के अवसर पर आपके मध्य आने का मौका मिला यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है।
उन्होंने कहा कि शक्तिपीठ मां कालिंका का यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है। यहां पर तीलू रौतेली ने मां भगवती की उपासना की थी। तीलू रौतेली जब-जब भी युद्ध को जाती थी उससे पूर्व वह यहां पर वह पूजा अर्चना किया करती थी। इसलिए यह प्राचीन शक्ति केन्द्र हमारे लिए अटूट श्रद्धा एवं आस्था का केंद्र भी है।कार्यक्रम के दौरान लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी, मीना राणा, बिशन सिंह हरियाला, सौरव मैठाणी और महिमा उनियाल की शानदार प्रस्तुतियों उपस्थित श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस मौके पर शल्ट विधायक महेश जीना, राष्ट्रीय महामंत्री भाजपा महिला मोर्चा श्रीमती दीप्ति रावत, ब्लाक प्रमुख बीरोंखाल राजेश कंडारी, कार्यक्रम संचालक नरेंद्र रौथाण, महाकाली मंदिर समिति गढ़वाल-अल्मोड़ा के अध्यक्ष चंदन सिंह रावत, विजय सिंह रावत, हयात सिंह रावत एवं उदय सिंह रावत सहित भारी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।
– मंत्री महोदय को बस झूठी और कोरी घोषणाएं करने की आदत है। किया क्या है इलाके के लिए? बैजरो बएडा सड़क 10 साल से बनी है, इसका डामरीकरण कराने के लिए भीख मांगनी पड़ रही है हमको।
बिलोचन प्रसाद मैन्दोलिया, समाजसेवी
-मैं आज कालिंका मंदिर के भव्य आयोजन में रही। महाराज ने फिर कोरी घोषणाएं की। महाराज से क्या हम लोग भीख मांग रहे हैं ? ये पीडब्ल्यूडी मंत्री बन गए। इससे पहले ये कहते थे कि मैं विधायक हूँ। कहाँ से सड़क का बजट लाऊं। अब सांप सूंघ गया क्या इनको ? बैजरो बएडा की सड़क पक्की नहीं होगी तो देखना कि महाराज का डामरीकरण हम महिलाएं कैसे करेंगी।
लीला देवी, ग्राम सेवक
-कालिंका देवी की मूर्ति स्थापना तो बहाना है। महाराज तो वोट के लिए ही आये हैं। अपनी पत्नी को भी लाये। काम तो कुछ भी नहीं किया। बस फालतू की घोषणा कर रहे थे कागज़ पढ़ के। यानि इनको अपनी घोषणा ही नहीं पता। कलाकारों के लिए भी बेक़कूफ़ी की घोषणा की। पीडब्ल्युडी मंत्री हैं ये और सड़कों का विवरण ही नहीं है इनके पास।
कमलेश चंद, पूर्व प्रधान
– मैंने महाराज की घोषणाएं सुनी, इनका सत्कार भी देखा, झूठ का पुलिंदा हैं ये महाराज। मंत्री बने बैठे हैं। इलाके के क्या विकास किया इन्होंने। बेवकूफ बनाने आ गए। हम लोग सीमांत के लोग हैं, गए गुजरे हैं इनकी नज़र में। हम मेहनत से कमाते हैं, महाराज जैसे नहीं हैं हम। झूठ बोलते हैं महाराज।
राजेश चंद, समाजसेवी
-महाराज जी की घोषणाएं कोरी हैं जब से वो केंद्रीय मंत्री थे। वो कांग्रेस में केंद्रीय राज्य रेल मंत्री रहे। बस झूठ का पुलिंदा ले कर रेल चढ़ाते रहे पहाड़ में। आज उत्तराखंड के सड़क वाले मंत्री हैं। सड़क पर ला देगी पब्लिक।
-मनोज कुमार, ग्रामीण