आईआईटी रुड़की व जर्मनी के बीच तकनीकी सहयोग पर बनी सहमति

  • ग्रीन एनर्जी, एआई और इनोवेशन में साझेदारी से खुले निवेश के नए अवसर

रुड़की; फ्रैंकफर्ट से आए एक जर्मन प्रतिनिधिमंडल ने उत्तराखंड के अधिकारियों और शिक्षाविदों से मुलाकात कर प्रौद्योगिकी सहयोग और निवेश की संभावनाओं पर चर्चा की। आईआईटी रुड़की में हुई इस बैठक में इंजीनियरिंग, नवीकरणीय ऊर्जा, उभरती प्रौद्योगिकियों और नवाचार-आधारित उद्यमों पर विशेष रूप से विचार-विमर्श हुआ।

फ्रैंकफर्ट सिटी पार्लियामेंट के सांसद एवं डिजिटलीकरण के प्रवक्ता राहुल कुमार के नेतृत्व में आए दल ने कहा कि “हमारे दिल और दरवाज़े भारत और विशेषकर उत्तराखंड के लिए खुले हैं ताकि हम मिलकर ऐसी तकनीकों पर काम कर सकें, जिनका वैश्विक स्तर पर असर हो।”

आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. कमल किशोर पंत ने राज्य सरकार के विजन का उल्लेख करते हुए कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट जैसे आयोजनों के माध्यम से उत्तराखंड को निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित किया जा रहा है। उन्होंने सेमीकंडक्टर, स्पेस साइंस, डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में सहयोग की संभावनाओं को रेखांकित किया। साथ ही बताया कि यह पहल स्थानीय रोज़गार सृजन में मददगार होगी और पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने में सहायक साबित हो सकती है।

जर्मनी के इनोवेशन हब राइन माइन के सीईओ स्टीफन विटेकाइंड ने कहा कि फ्रैंकफर्ट भारतीय स्टार्टअप्स और मिड-साइज़ कंपनियों के साथ साझेदारी कर उन्हें यूरोप व वैश्विक बाजारों तक पहुंचाना चाहता है। उन्होंने इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, ग्रीन एनर्जी और डिजिटल स्किल्स को प्रमुख सहयोग क्षेत्र बताया।

दोनों पक्षों ने आशा जताई कि उत्तराखंड और फ्रैंकफर्ट के बीच सहयोग नवाचार, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और निवेश के नए अवसर खोलेगा तथा भारत-जर्मनी संबंधों को और मजबूत करेगा।

प्रतिनिधिमंडल में जर्मनी की ओर से सौरभ भगत (एडवाइज़र, फ्रैंकफर्ट सिटी पार्लियामेंट) शामिल रहे। वहीं भारतीय पक्ष में प्रो. विवेक कुमार मालिक (डीन, स्पॉन्सर्ड रिसर्च एंड इंडस्ट्रियल कंसल्टेंसी), प्रो. वी.सी. श्रीवास्तव (डीन, इंटरनेशनल रिलेशंस), अजम अली खान (सीईओ, टाइड्स) और प्रो. अमित अग्रवाल (एसोसिएट डीन, कॉरपोरेट इंटरैक्शन, आईआईटी रुड़की) मौजूद रहे।

 




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