चारधाम यात्रा मॉक ड्रिल सम्पन्न NDMA ने दिए अहम सुझाव

  • आपदा प्रबंधन विभाग ने सात जिलों में परखी तैयारियां
  • कमियों को जल्द दूर करने के निर्देश

देहरादून: चारधाम यात्रा के सुरक्षित संचालन के लिए राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (यूएसडीएमए) और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) द्वारा गुरुवार को संयुक्त मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। यह अभ्यास उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी जनपदों में किया गया। मॉक ड्रिल के माध्यम से यात्रा मार्गों पर विभिन्न विभागों की तैयारियों का परीक्षण किया गया।

राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मॉक ड्रिल की मॉनीटरिंग की गई। आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि इस अभ्यास का उद्देश्य सभी विभागों को एक मंच पर लाकर आपदा या आकस्मिक स्थितियों से निपटने की तैयारी को परखना था। उन्होंने कहा कि समन्वय अच्छा रहा और जो कमियां सामने आईं, उन्हें यात्रा शुरू होने से पहले दुरुस्त किया जाएगा।

राज्य सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष विनय कुमार रुहेला ने कहा कि यह मॉक ड्रिल यात्रा की तैयारियों को और मजबूत बनाने का अवसर है। उन्होंने बताया कि सभी संबंधित विभागों द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने सभी जनपदों से प्रतिक्रिया ली और जहां जरूरत थी, वहां सुधारात्मक सुझाव भी दिए। उन्होंने देहरादून स्थित बन्नू स्कूल और कोरोनेशन अस्पताल का निरीक्षण किया और वहां डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तैयार करने के निर्देश दिए।

चारधाम यात्रा के लिए एनडीएमए के सुझाव

मेजर जनरल सुधीर बहल ने मॉक ड्रिल के बाद डिब्रीफिंग सत्र में यात्रा से जुड़ी व्यवस्थाओं को और बेहतर करने के लिए कुछ सुझाव दिए:

राज्य और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र में पुलिस और पर्यटन विभाग के कंट्रोल रूम की फीड अनिवार्य रूप से जोड़ी जाए।

यात्रियों को ‘चारधाम यात्रा ऐप’ अधिक से अधिक संख्या में डाउनलोड कराने को कहा गया। ऐप में मौसम की जानकारी, ट्रैफिक प्लान, वैकल्पिक मार्ग और भूस्खलन की सूचना उपलब्ध कराने की व्यवस्था होनी चाहिए।

ट्रैफिक जाम या भूस्खलन की स्थिति में यात्रियों को रोके जाने हेतु होल्डिंग एरिया चिन्हित किए जाएं।

संवेदनशील क्षेत्रों में साइनेज अनिवार्य रूप से लगें ताकि यात्री सतर्क रहें।

होटल व धर्मशालाओं का फायर सेफ्टी ऑडिट अनिवार्य किया जाए।

लैंडस्लाइड जोन के दो किमी के दायरे में जेसीबी और अन्य उपकरण तैनात किए जाएं।

नो नेटवर्क जोन में वैकल्पिक संचार व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

हेलीकॉप्टर से उच्च हिमालयी क्षेत्रों की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए हाई एल्टीट्यूड सिकनेस से निपटने हेतु स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक व्यवस्था करनी चाहिए।

हेलीकॉप्टर और हेलीपैड की सुरक्षा के लिए यूकाडा को एसओपी तैयार करने के निर्देश दिए गए।

बदरीनाथ में भगदड़ की मॉक ड्रिल, चमोली प्रशासन की तैयारी की सराहना

चमोली जनपद में बदरीनाथ धाम में भगदड़ की आशंका पर आधारित मॉक ड्रिल आयोजित की गई। एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार ने भगदड़ से निपटने की जिला प्रशासन की तैयारियों की सराहना की। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने बताया कि यात्रियों के लिए मैटिंग, मजबूत रेलिंग, बुजुर्गों के बैठने के लिए बेंच, और पर्याप्त शौचालय जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं।

 

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