दुखद: उभरती लोकगायिक संजना की संदिग्ध हालत में मौत

देहरादून: उत्तराखंड से दुखद खबर सामने आई है। जौनसार की लोक गायिका संजना राज की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। संजना राज देहरादून के नेहरू कॉलोनी के एच ब्लॉक स्थित एक मकान में किराये पर रहती थीं। बताया जा रहा है कि दो महीने से उनके साथ एक युवक भी रहता था। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

मौत के कारणों का अब तक पता नहीं लग पाया है। परिजनों की मौजूदगी में संजना के शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। सीओ नेहरू कॉलोनी अनिल कुमार जोशी ने बताया कि बृहस्पतिवार शाम करीब तीन बजे सूचना मिली थी। पुलिस घर में पहुंची तो देखा कि एक महिला अपने कमरे की खिड़की की ग्रिल से लटकी थीं। पुलिस ने इमरजेंसी सेवा के माध्यम से उन्हें जिला अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

संजना ने वर्ष 2009 में गायिकी के क्षेत्र में कदम रख दिया था, लेकिन क्षेत्र में धीरे धीरे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी। विभिन्न सांस्कृतिक मंचों पर उन्होंने अपनी आवाज का लोहा मनवाया। संजना यहां एक कंपनी में काम भी करती थीं। शव के पास से कोई सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, लेकिन प्राथमिक पड़ताल के बाद आत्महत्या का मामला लग रहा है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक उनके साथ दो माह से एक युवक भी रहता था। दोनों लिव इन में रहते थे या सिर्फ दोस्त थे, इस बात की जांच की जा रही है।

संजना राज ने जौनसारी में कई गीत गाए थे। दून में संजना संगीत का प्रशिक्षण लेने के साथ ही एक निजी कंपनी में नौकरी भी करती थीं। उनके देवा बिजिटा, लोक हारुल, तेरी शादी री चिठ्ठी, साथो की अनामिका जैसे कई गीत हैं।  यू ट्यूब पर अपलोड किए गए उनके गीत देवा बिजिटा को 16 हजार से अधिक लोगों ने देखा और सूना। लोक हारुल को 23 हजार लोगों ने देखा। तेरी शादी री चिठ्ठी को तीन हजार लोगों ने देखा। साथो की अनामिका गीत को 19 हजार लोगों ने देखा। 22 साल की उभरती लोक गायिका का अचानक यूं जाना उत्तराखंड की लोक संस्कृति के लिए बड़ी क्षति है।

 

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