अदम्य साहस के लिए खटीमा के कैप्टन देवेश को मिला शौर्य पुरस्कार, राष्ट्रपति ने किया सम्मानित

नई दिल्ली: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जनपद के निवासी एवं भारतीय सेना में कमीशन प्राप्त कैप्टन देवेश जोशी को उनके अदम्य साहस एवं कुशल नेतृत्व के लिए स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति ने शौर्य पुरस्कार देकर सम्मानित किया।

झारखंड के देवधर में रोप-वे के दुर्घटनाग्रस्त होने से ट्रॉली में फंसे 21 पर्यटकों को अपने साहस एवं दृढ़ संकल्प से बचाने वाले भारतीय सेना के कैप्टन देवेश जोशी को स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति ने शौर्य पुरस्कार देकर सम्मानित किया। कैप्टन देवेश जोशी वर्तमान में खटीमा में निवास करते हैं। कैप्टन देवेश सेना की ओर से चलाए गए अभियान त्रिकुट में अपनी टीम का नेतृत्व करते हुए क्रालिंग करते हुए ट्रालियों तक पहुंचे और अदम्य साहस का परिचय देते हुए सभी यात्रियों की जान बचाई।

कैप्टन देवेश के अदम्य साहस, परिश्रम, दृढ़ संकल्प और कुशल नेतृत्व के लिए राष्ट्रपति ने स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें शौर्य पुरस्कार से सम्मानित किया। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैप्टन देवेश को उनके अदम्य साहस के लिए मिले शौर्य पुरस्कार पर फोन पर बधाई दी है।

मूलरूप से पिथौरागढ़ जिले के गणाई गंगोली निवासी कैप्टन देवेश जोशी का परिवार वर्तमान में खटीमा में निवास करता है। देवेश के पिता गिरीश जोशी राजकीय इंटर कॉलेज में शिक्षक एवं माता गृहणी हैं। देवेश जोशी भारतीय सेना में वर्ष 2020 में कमीशन प्राप्त कैप्टन हैं।

 

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