रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज उत्तराखंड के पौड़ी पहुंचे, इस दौरान राजनाथ सिंह ने पौड़ी जिले में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में शिरकत की, और जनता को संबोधित किया।
हर गढ़ में बहादुरी और पराक्रम के किस्से मशहूर है :
राजनाथ सिंह ने बताया, ”वैसे तो उत्तराखण्ड राज्य का गठन हुए केवल बीस वर्षों का समय ही बीता है मगर उत्तराखण्ड का इतिहास और यहां की परम्पराएं तो सदियों पुरानी हैं। यह गढ़वाल तो ‘वीर बडु का देस है’ :बावन गढ़ का देस’ है। हर गढ़ में बहादुरी और पराक्रम के किस्से मशहूर है। वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली, माधो सिंह भंडारी और तीलू रोतली की बहादुरी के गीत गढ़वाल के गांव-गांव में गाए जाते हैं। आज जिन वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा का अनावरण यहां हो रहा है, वे कर्म और धर्म दोनों से सैनिक थे।”
धामीजी काफी ‘धाकड़ बल्लेबाज’ :
इस दौरान राजनाथ सिंह ने कहा कि क्रिकेट की भाषा में अगर कहूं तो 20-20 के मैच में धामीजी को आखिरी ओवर में उतारा गया है। धामीजी काफी ‘धाकड़ बल्लेबाज’ हैं। उन पर उत्तराखंड के लोगों की बहुत सारी उम्मीदें टिकी हुई हैं। मुझे पूरी उम्मीद है कि वे इन उम्मीदों पर खरे उतरेंगे। कहा कि किसी भी देश या राज्य की नियति का फैसला वहां की सरकार की नीयत से ही तय होता है। मैं पुष्कर सिंह धामीजी को उनकी छात्र राजनीति के दिनों से जानता हूं। उनके पास ऊर्जा है, क्षमता है और कुछ कर गुजरने का जज्बा भी है।
वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के परिजनों को सम्मानित किया :
कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज पीठसैण में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिमा के अनावरण समारोह में सम्मिलित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। वह एक सच्चे सैनिक तो थे ही साथ ही वे एक प्रखर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भी थे। उन्होंने अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन में भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।