राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता और निर्मलता के लिए राज्य में चल रही नमामि गंगे परियोजना के तहत अब कुमाऊं की छह नदियां भी गंगा की तरह साफ-सुथरी होंगी। जल्द ही ऊधमसिंह नगर जिले के अंतर्गत भेला, ढेला, किच्छा, कोसी, नंधौर व पिलखर नदियों में समा रही गंदगी पर अंकुश लग सकेगा।
केंद्र सरकार ने नमामि गंगे के तहत इन नदियों से लगे छह प्रदूषित स्थलों में नौ सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और 17 नालों की टैपिंग के लिए 199 करोड़ रुपये का बजट जारी कर दिया है। अपर सचिव और राज्य में नमामि गंगे परियोजना के कार्यक्रम निदेशक उदयराज सिंह ने इसकी पुष्टि की। नमामि गंगे परियोजना के तहत पहले चरण में गंगा के उद्गम स्थल गोमुख से लेकर हरिद्वार तक के 15 नगरों में एसटीपी और नालों की टैपिंग संबंधी कार्य चल रहे हैं, जो अब अंतिम चरण में हैं। इन कार्यों के अपेक्षानुरूप नतीजे भी सामने आए हैं।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट ही बताती है कि गोमुख से लेकर ऋषिकेश तक गंगा के पानी की गुणवत्ता उत्तम है। हरिद्वार में भी गंगा के पानी का स्तर सुधरा है। इस सबको देखते हुए प्रदेश सरकार ने गंगा की अन्य सहायक नदियों को भी साफ-सुथरा बनाने के मद्देनजर केंद्र में दस्तक दी। इसी कड़ी में कुमाऊं मंडल के ऊधमसिंह नगर जिले में छह नदियों से लगे क्षेत्रों की कार्ययोजना राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को भेजी गई।पूर्व में केंद्र ने नमामि गंगे में इसे सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। कार्यक्रम निदेशक नमामि गंगे उदयराज सिंह ने बताया कि तीन दिन पहले ही केंद्र ने इन नदियों के लिए धनराशि जारी की।
इन कार्यों के लिए ऊधमसिंह नगर में टेंडर की प्रक्रिया की जा रही है। जल्द ही छह नदियों से लगे क्षेत्रों में एसटीपी और नालों की टैपिंग से संबंधित कार्य प्रारंभ किए जाएंगे।
एसटीपी (संख्या), क्षमता (एमएलडी में)
भेला, 03, 10.80
पिलखर, 01, 10.00
भेला, 02, 3.00
किच्छा, 01, 3.00
नंधौर, 01, 3.00
कोसी, 01, 0.50
इन नालों की होगी टैपिंग
जसपुर खुर्द, इस्माइल एक व दो (भेला), बेजुड़ी, गुलरिया एक व दो, गबिया, आइस फैक्ट्री (ढेला), बेदी मुहल्ला, खटीमा एक और दो, पुरानी मंडी एक और दो, शिवानगर (किच्छा), मुकुंदपुर (कोसी), उकरौली (नंधौर), घोगा (पिलखर)।