देहरादून: यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर धामी सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। यूनिफॉर्म सिविल कोड पर धामी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए ड्राफ्टिंग कमेटी का गठन कर दिया है। सरकार ने जिसके आदेश जारी कर दिए गए है। ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। दरअसल, इस कमेटी में 5 सदस्यों को शामिल किया गया है जिसमें मुख्य रुप से पूर्व न्यायाधीश रंजना देसाई को इस कमेटी का चेयरमैन बनाया गया है।
कमेटी के चेयरमेन पूर्व जज रंजना देसाई है। पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह, दिल्ली हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज प्रमोद कोहली और टैक्स पेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मनु गौड़ और दून विश्वविद्यालय के कुलपति सुरेख डंगवाल भी कमेटी के सदस्य बनाए गए हैं।
बताया जा रहा है कि, उत्तराखंड में दोबारा सरकार बनने के साथ ही मंत्रिमंडल की पहली बैठक के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी थी। सीएम धामी ने अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए एक कदम और आगे बढ़ाया है। अब इसे लागू करने के लिए एक कमेटी बनाई गई है। जिसमें कोर्ट के रिटायर्ड जज भी शामिल हैं। बीती 7 अप्रैल को सीएम पुष्कर सिंह धामी मसूरी के टाउनहॉल सभागार में एक कार्यक्रम में कहा था कि समान नागरिक संहिता को लागू करना इसलिए भी जरुरी है, ताकि हम अपने राज्य संस्कृति, आध्यात्मिकता और दोनों सीमाओं की सुरक्षा कर सकें।
बता दें, यूनिफार्म सिविल कोड का मतलब है कि देश में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून हो, चाहे व्यक्ति किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मो के लिए एक कानून लागू होगा। यह एक पंथ निरपेक्षता कानून है, जो सभी के लिए समान रूप से लागू होता है।