राजाजी नेशनल पार्क प्रबंधन ने रेलवे को सचेत किया है कि पार्क से गुजरने वाली सभी ट्रेनों के कोच का दरवाजा बंद रखें। साथ ही रेललाइन की निगरानी करने वाले कर्मचारियों को सतर्क रहने के लिए कहा है। इतना ही नहीं बाघ के कारण देहरादून-हरिद्वार के बीच रेल लाइन दोहरीकरण कार्य पर भी ग्रहण लगाने की संभावना है। देहरादून से हरिद्वार के बीच 51 किलोमीटर का रेल मार्ग है। रेल मार्ग का अधिकांश हिस्सा राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरता है। कुछ साल तक रेल लाइन तक हाथी पहुंचते थे। कई बार हाथी ट्रेन की चपेट में आ चुके हैंं। इसलिए राजाजी नेशनल पार्क के बीच ट्रेनें 35 किलो मीटर प्रतिघंटेे की रफ्तार से गुजरती हैंं। पार्क प्रबंधन बाघ जैसे अन्य जीव की संख्या बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है। इसलिए पार्क प्रबंधन की ओर से कहा गया है कि नेशलन पार्क के क्षेत्र से गुजरने वाली ट्रेनों के कोच के दरवाजेे बंद रखे जाएं। बीच में ट्रेन रुकने पर कोच के अंदर जंगली जानवर भी आ सकतेे हैं। रेल लाइन की पेट्रोलिंग करने वाले कर्मचारी को भी सतर्क करने को कहा गया है।
पार्क क्षेत्र से गुजरने वाली ट्रेनों में सवार यात्रियों को कभी भी दिखायी दे सकता है जानवर
रेल प्रशासन ने नई दिल्ली से देहरादून जाने वाली शताब्दी एक्सप्रेस में एक विस्टाडोम कोच लगाने की योजना बनाई है। इस कोच की छत व बाडी पारदर्शी बनाई गई है। कोच की सीट को चारों ओर घुमाने की व्यवस्था होती है। ट्रेन के पार्क से गुजरने के समय यात्री प्राकृतिक नजारे के साथ वन्यजीव को देख सकते हैं इसी तरह से नई दिल्ली से काठगोदाम जाने वाली शताब्दी में भी विस्टाडोम कोच लगाने की योजना है। देहरादून हरिद्वार के बीच दोहरी रेल मार्ग का उत्तर रेलवे मुख्यालय ने सर्वे करा चुका है। हाथी के कारण ट्रेनों की गति बढ़ाने पर पार्क प्रबंधन ने रोक लगा रखी है। नये वन्यप्राणी के कारण पार्क प्रबंधन दोहरीकरण लाइन की स्वीकृति देने को तैयार नहींं है। रेल प्रशासन अब हरिद्वार से ऋषिकेश तक दोहरीलाइन बनाने की योजना तैयार कर रहा है, इसका सर्वे कराया जा रहा है। मंडल वाणिज्य प्रबंधक गौरव दीक्षित ने बताया कि राजाजी नेशनल पार्क में वन्यजीव को लेकर रेल कर्मचारियों को सतर्क रहने का आदेश दिया है।