देहरादून: 10 फीसदी आरक्षण को लागू करवाने के लिए बैठे राज्य आंदोलनकारी मंच के साथियों के समर्थन में आज पूर्व राज्य मंत्री सुशीला बलूनी व वरिष्ठ आंदोलनकारी ओमी उनियाल तथा राज्य आंदोलनकारी मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी भी पहुंचे।
सुशीला बलूनी ने सरकार पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि जिन बातों को लेकर हम लोग सड़कों पर उतरे थे आज वह मूल भावना पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है और हमें लगता है कि हम लोगों ने बेकार ही इस राज्य की लड़ाई लड़ी। जब कुछ भी इस राज्य के लोगों को इच्छाओं के अनुरूप नहीं होना है तो अब कहना ही बेकार है।
ओमी उनियाल व जगमोहन सिंह नेगी ने सरकार की कठोर शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि केस भी आप पर, सरकार भी आपकी, महाधिवक्ता भी आपके औऱ पीस रहे हैं हमारे लोग। तिवारी सरकार ने आंदोलनकारियों का सम्मान करते हुए एक व्यवस्था दी जिसके फलस्वरूप हमारे साथियों ने परीक्षा भी पास की, पास होने के बाद वह नौकरी में लगे, उसके बाद कुछ तो टर्मिनेट कर दिये गए, कुछ को अब नोटिस आ रहा है।मुख्यमंत्री बतायें कि इन को बचाने की जिम्मेदारी किसकी है। उन्होंने कहा कि अगर इस विषय पर अगर मुख्यमंत्री तुरंत निर्णय नहीं लेते तो हम 1994 वाला इतिहास दोहराने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे।
धरने के तीसरे दिन पीड़ित उत्तराखंड आंदोलनकारी संघ के साथियों ने सरकार की बेरुखी से क्षुब्ध होकर सरकार को 31 दिसम्बर तक का अल्टीमेटम देते देते हुए 01 जनवरी को सामूहिक आत्मदाह करने का नोटिस दे दिया है।