उत्तरकाशी: धराली और हर्षिल क्षेत्र में पांच अगस्त को आई भीषण आपदा में लापता हुए 67 लोग अब तक नहीं मिल पाए हैं। ऐसे में गृह मंत्रालय ने विशेष छूट देते हुए इन लोगों का मृत्यु पंजीकरण कर प्रमाण पत्र जारी करने की मंजूरी दे दी है। इससे अब प्रभावित परिवारों को आपदा राहत के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त हो सकेगी।
सात साल का प्रावधान, पर मिली छूट
जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969 के तहत सामान्यत: लापता व्यक्ति को सात साल बाद मृत घोषित किया जाता है। लेकिन आपदा की गंभीरता को देखते हुए केंद्र सरकार ने इस प्रावधान में छूट दी है।
ऐसे पूरी होगी प्रक्रिया
लापता व्यक्ति के परिजनों को सबसे पहले अपने मूल निवास स्थान पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करानी होगी। इसके बाद मामला संबंधित क्षेत्र के परगना मजिस्ट्रेट या एसडीएम के पास जाएगा। एसडीएम 30 दिन का नोटिस जारी करेंगे और यदि इस अवधि में कोई आपत्ति नहीं आती है, तो मृत्यु पंजीकरण कर प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।
नामित अधिकारी
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि धराली और हर्षिल क्षेत्र के मामलों में उप जिलाधिकारी (एसडीएम) को अभिहित अधिकारी और जिलाधिकारी को अपीलीय अधिकारी नामित किया गया है। इन्हीं के जरिए प्रमाण पत्र जारी किए जाएंगे।
पहले भी मिली थी छूट
गौरतलब है कि चमोली जिले के रैणी गांव में 2021 की आपदा के दौरान भी कई मजदूर लापता हो गए थे। उस समय भी केंद्र सरकार ने अधिनियम में छूट देते हुए मृत्यु पंजीकरण और प्रमाण पत्र जारी करने की अनुमति दी थी। अब उसी तर्ज पर धराली आपदा प्रभावित परिवारों को राहत देने का रास्ता साफ हो गया है।