दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित आतंकी 23 वर्षीय मोहम्मद आमिर को यह कहते हुए सात साल के कठाेरवास की सजा सुनाई कि देश लगातार आतंकी गतिविधियों के कारण हिंसा का सामना कर रहा है और यह पूरी मानवता के लिए चिंता का विषय है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने कहा कि इस तरह की गतिविधियों में हजारों निर्दोष लोग मारे जाते हैं। आतंकी गतिविधियों से न केवल निर्दोष लोगों की जान जाती बल्कि यह देश की अर्थव्यवस्था को भी अस्थिर करता है। आतंकवादी गतिविधि पूरी मानवता के लिए चिंता का विषय है। जिला एवं सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार शर्मा ने मोहम्मद आमिर को सजा सुनाते हुए कहा कि दोषी की सजा पूरी होने के बाद से वापस पाकिस्तान भेज दिया जाए। अदालत ने आरोपी को सजा सुनाते हुए कहा कि देश लगातार आतंकवादी गतिविधियों के कारण हिंसा का सामना कर रहा है। अदालत ने आमिर को अप्रैल 2021 में आपराधिक साजिश गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम आर्म्स एक्ट विस्फोटक पदार्थ अधिनियम समेत अन्य धाराओं में दोषी ठहराया था। आमिर ने कम उम्र होने और जीवन जीने की इच्छा जाहिर करते हुए कम से कम सजा देने का अनुरोध किया था। उसके पिता की मृत्यु हो चुकी है, जबकि उसकी मां दिव्यांग है।