देहरादून: अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन की अध्यक्षता में सोमवार को सचिवालय में जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण/विकास प्राधिकरणों की समीक्षा बैठक आयोजित हुई।
बैठक में पार्किंग परियोजनाओं, प्राधिकरण स्तर पर संचालित अन्य परियोजनाओं, महायोजना, सिटी मोबलिटी प्लान यूनिटी मॉल, लैण्ड बँक, शेल्टर फण्ड, फसाड पॉलिसी, टी०डी०आर० एवं पार्किंग पॉलिसी तथा प्राधिकरणों में मानचित्रों के निस्तारण, ई-ऑफिस/ईज एप्प के साथ-साथ प्री एप्रूवल मैप/सेल्फ सर्टिफिकेशन आदि की समीक्षा की गयी।
अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने निर्देश दिये कि विकास प्राधिकरण मानचित्र स्वीकृति को सर्वसुलभ व आसान बनाये जाने के साथ-साथ निर्धारित अवधि में स्वीकृत कराना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण स्तर पर संचालित पार्किंग परियोजनाओं को तीव्र गति से पूर्ण करते हुए टर्नल व मैकेनिकल पार्किंग हेतु संभावनाएं तलाशी जाए।
स्थानीय स्तर पर पार्किंग विकसित किये जाने हेतु उत्तराखण्ड पार्किंग नियमावली के अन्तर्गत निजी भू-धारकों से प्रस्ताव प्राप्त करने में तेजी लाई जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिये गये कि प्राधिकरण स्तर पर चलाये जाने वाली समस्त योजनाओं के प्रभावी नियोजन के लिए समय सारणी बनाई जाए ताकि परियोजनाओं का क्रियान्वयन निर्धारित समय सीमा के तहत किया जा सके।
बैठक में चर्चा के दौरान भारत सरकार की हर शहर में यूनिटी मॉल तैयार किये जाने की योजना को ऋषिकेश, देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार तथा उधम सिंह नगर में चिन्हित भूमि की डी०पी०आर० तैयार कर आवश्यक रूप से उपलब्ध कराये जाने के भी निर्देश दिये गये, जिससे राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में स्थानीय उत्पादों का एक साथ विपणन की सुविधा प्रदान की जा सके।
बैठक में एस०एन० पाण्डेय सचिव आवास, बंशीधर तिवारी उपाध्यक्ष मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण, हरिशचन्द काण्डपाल उपाध्यक्ष जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण उधमसिंहनगर, अंशुल सिंह उपाध्यक्ष हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण, पी०सी० दुम्का संयुक्त मुख्य प्रशासक उड़ा, एस०एस० श्रीवास्तव नगर नियोजक सहित सभी प्राधिकरणों के सचिव मौजूद रहे।
अपर मुख्य सचिव ने कहा कि शहरों की यातायात व्यवस्था के नियोजन के लिए सिटी मोबेलिटी प्लान तैयार किया जाये तथा महायोजना निर्माण में सिटी मोबेलिटी प्लान के आधार पर प्राविधान किये जाए। महायोजना के विकास में आर्थिक संसाधनों का भी ध्यान रखा जाए जिससे महायोजनायें शहर के विस्तार को आर्थिक रूप से समृद्ध किये जाने में सहायक सिद्ध हो सके। उन्होंने कहा कि प्राधिकरणों को प्राप्त वाले शेल्टर फंड का उपयोग दुर्बल आय वर्ग के आवासों के निर्माण में किया जाए।