रामपुर तिराहा कांड़ के सामूहिक दुष्कर्म, लूट, छेड़खानी आदि के दो मुकदमों में अदालत में हाजिर नहीं होने पर अभियुक्त 23 पुलिसकर्मियों के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिया है। 2 अक्तूबर 94 को दिल्ली जा रहे आंदोलनकारियों पर अत्याचार और 7 लोगों के शहीद होने के मामले में मुजफ्फरनगर के तत्कालीन सिविल लाइन थाने के 22 पुलिस कर्मियों के विरुद्ध अब विशेष अदालत ने कोर्ट में पेश न होने पर गैर जमानती वारंट जारी किए हैं।
न्यायालय की इस कार्यवाही पर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी और विभिन्न राजनीतिक दलों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है और इसे उत्तराखंड वासियों के गांव पर एक मरहम बताया है और सरकार से न्यायालय में पैरवी करने की अपील की है।
वीओ- लंबे संघर्ष और 42 सहादतों के बाद उत्तराखंड राज्य का गठन हुआ। राज्य गठन आंदोलन के दौरान 2 अक्टूबर 1994 को मुजफ्फरनगर में राज्य आंदोलनकारियों पर पुलिस की बर्बरता और अत्याचार का घाव आज तक नहीं भर पाया। दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की मांग को लेकर आज भी उत्तराखंड के लोग लंबी लड़ाई लड़ रहे हैं। 2 अक्टूबर 1994 को पृथक उत्तराखंड प्रदेश की मांग को लेकर दिल्ली जा रहे उत्तराखड समर्थकों पर पुलिस फायरिंग और महिलाओं पर अत्याचार के मामले में तत्कालीन थाना सिविल लाइन सहित 22 पुलिस कर्मियों के विरुद्ध विशेष अदालत ने कोर्ट में पेश न होने पर गैर जमानती वारंट जारी किए हैं।