नैनीताल: चारधाम यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों की संख्या को लेकर उत्तराखंड सरकार को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उत्तराखंड हाइकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगे प्रतिबंधो को हटा दिया है। कोर्ट ने मंगलवार यानी आज श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ाए जाने के मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार और तीर्थयात्रियों को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने चारों धाम में प्रतिबंध के साथ यात्रियों की निर्धारित से अधिक को जाने व दर्शन करने पर लगी रोक को हटा दिया है। अब कोर्ट के आदेश के बाद श्रद्धालु बेरोक-टोक चारधाम दर्शन के लिए जा सकेंगे। हालांकि कोर्ट ने साफ किया कि शासन को कोविड प्रोटोकॉल का अनुपालन सुनिश्चित कराना होगा। कोर्ट के आदेश से सरकार को बड़ी राहत मिली है।
आपको बता दें कि उत्तराखंड में लंबे इंतजार के बाद चारधाम यात्रा तो शुरू हो गई है। लेकिन तीर्थ यात्रियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में राज्य सरकार एक बार फिर चारधाम यात्रा को लेकर हाईकोर्ट पहुंची थी। नैनीताल हाईकोर्ट में चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या को बढ़ाए जाने के मामले में सुनवाई हुई। जिसमे राज्य सरकार ने कोर्ट द्वारा पूर्व में दिए गए फैसले को संशोधित करने की मांग की। मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अब प्रतिबंध को हटा दिया है।
आपको बता दें कि कोर्ट ने चारधाम यात्रा करने के लिए प्रत्येक दिन केदारनाथ धाम में 800, बदरीनाथ धाम में 1000, गंगोत्री में 600 और यमनोत्री धाम में कुल 400 श्रद्धालुओं के जाने की अनुमति दी है। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस मसले को लेकर राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दायर की है जिसमे एसएन बाबुलकर व मुख्य स्थायी अधिवक्ता (सीएससी) चन्द्रशेखर रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि चारधाम यात्रा के लिए कोविड को देखते हुए कोर्ट ने पूर्व में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी थी लेकिन अब प्रदेश में कोविड के केस न के बराबर आ रहे हैं, इसलिए चारधाम यात्रा करने के लिए श्रद्धालुओं की निर्धारित संख्या के आदेश में संशोधन किया जाए।