कुमाऊं में उत्तराखंड डिजास्टर रिवकरी प्रोजेक्ट के तहत 29 पुलों का निर्माण हो रहा है। 2016 से शुरू हुई यह पहल 2022 तक पूरी की जानी है। इधर, काम के अपेक्षित गति से नहीं होने से समय पर लक्ष्य प्राप्त होने पर संदेह हैं। विश्व बैंक से पोषित इस योजना के तहत अल्मोड़ा और बागेश्वर में 15 पुल बन रहे हैं। जबकि नैनीताल में 7 और ऊधमसिंह नगर में एक, पिथौरागढ़ में 5 और चंपावत में एक पुल प्रस्तावित हैं, लोनिवि के इसके लिए हल्द्वानी, पिथौरागढ़ और बागेश्वर में अलग से गठित डिवीजन इस काम को करवा रहे हैं, जबकि सर्किल ऑफिस अल्मोड़ा से भी लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। बरसाती सीजन में लोगों को बहुत परेशानी होती है।
अल्मोड़ा जिले के 9 पुलों में से एक स्याल्दे केदार सड़क के किमी एक पर पुल बन चुका है। पीपना मनाहेत डुंगला मोटर मार्ग में अभी तक 50 प्रतिशत काम नहीं हो सका है वहीं हिनोला,- कान्ये- खलपति मार्ग , भिकियासैंण के मरचूला मार्ग में गगास उड़ी महादेव व सेलपानी में भी पुल निर्माण शुरू होना है। वहीं इसी मार्ग के किमी 37 में पुल निर्माण शुरू हो चुका है। जिले के तड़ागताल धनान का पुल व भाटकोट झाला गांव में भी पुल अभी निर्माणाधीन चल रही है।
रामगंगा में बन रही पलगवाड़ी- चालूरासीम पुल का निर्माण पूरा होने का इंतजार है। इधर बागेश्वर जिले छ: पुलों का निर्माण अभी चल रहा है। इनमें सांगड़ वास्ती सड़क के किमी 5 में पुल में काम चल रहा है। वहीं भयूं गुलेर सड़क के किमी 6 पर बन रहा पुल 50 प्रतिशत ही बन सका है। जिले के जाख जखेड़ा सड़क के बीच भी पुल निर्माण की प्रगति अभी 56 प्रतिशत से कुछ अधिक हो सकी है।