श्रीनगर गढ़वाल: उच्च शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कहा कि श्रीनगर शहर को भी स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके अलावा, गढ़वाल के प्राचीनतम धार्मिक घाटों में से एक शारदानाथ घाट का भी हरिद्वार और ऋषिकेश की तर्ज पर कायाकल्प होगा, जिसमें साढ़े तीन करोड़ रुपये खर्च होंगे।
सोमवार को शारदानाथ स्नान घाट पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने शारदानाथ स्नान घाट के कायाकल्प के लिए किए जाने वाले कार्य का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि हरिद्वार के हरकीपौड़ी और ऋषिकेश के त्रिवेणी घाट की तर्ज पर श्रीनगर का शारदानाथ घाट भी शीघ्र ही भव्य और आधुनिक स्वरूप में आएगा, जिसके लिए कार्यदायी संस्था उत्तराखंड परियोजना विकास एवं निर्माण निगम को चार महीने का समय दिया गया है। उन्होंने कहा कि श्रीनगर जलविद्युत परियोजना की कोटेश्वर स्थित झील मे पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं हैं। इस झील पर सी प्लेन उतारने की कार्ययोजना है। उन्होंने कहा कि धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन तीनों क्षेत्रों में श्रीनगर को विकसित कर स्मार्ट सिटी बनाने की कार्ययोजना पर तेजी से कार्य चल रहा है। शक्ति बिहार क्षेत्र में अलकनंदा नदी तट क्षेत्र में एक छोटा स्नान घाट बनाने का भी उन्होंने आश्वासन दिया।
आंचल डेयरी भक्तियाना से डांग होते हुए श्रीकोट गंगानाली तक ठंडी सड़क के निर्माण का कार्य भी इसी महीने शुरू होने जा रहा है। शहर में अलकनंदा नदी तट पर पंचपीपल से स्वीत पुल तक बनने वाला लगभग सात किलोमीटर लंबा मैरीन ड्राइव शहर के लिए एक शानदार उपलब्धि होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने 70 साल में भी उतने कार्य नहीं किए, जितने भाजपा सरकार ने साढ़े चार साल में श्रीनगर विधानसभा क्षेत्र में किए।
भाजपा के जिला मंत्री जितेंद्र रावत ने कहा कि जीवीके कंपनी के सहयोग से वर्ष 2009 में प्राचीन शारदानाथ घाट पर कई पुनर्निर्माण कार्य कर उसे आकर्षक रूप दिया गया था, लेकिन वर्ष 2013 में बाढ़ से यह घाट क्षतिग्रस्त हो गया था। उच्च शिक्षा मंत्री डा. रावत ने इस घाट को भव्य बनाने की जो पहल की है, वह सराहनीय है। इस मौके पर क्षेत्र के सभासद डा. विनीत पोस्ती, पूर्व दर्जाधारी अतर सिंह असवाल, डा. बीपी नैथानी, गंगा आरती समिति के अध्यक्ष प्रेमबल्लभ नैथानी, अरविद दरमोड़ा ने भी विचार व्यक्त किए। समारोह का संचालन सभासद अनूप बहुगुणा ने किया। हर माह 20 हजार लीटर निश्शुल्क पेयजल मिलेगा।