69th National Film Awards: 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा हो चुकी है। इस बार अवॉर्ड को फीचर, नॉन-फीचर और बेस्ट राइटिंग इन सिनेमा तीन कैटेगरी में बांटा गया है। फीचर फिल्म में 31 कैटेगरी थीं जबकि नॉन-फीचर फिल्म में 23 कैटेगरी थीं। बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म का पुरस्कार सरदार उधम को मिला है। अल्लू अर्जुन को पुष्पा द राइज के लिए बेस्ट एक्टर के अवॉर्ड से नवाजा गया है। जबकि आलिया भट्ट को गंगूबाई काठियावाड़ी के लिए और कृति सेनन को मिमी फिल्म के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला है। वहीँ पकंज त्रिपाठी को मिमी के लिए बेस्ट सपोर्टिंग मेल एक्टर चुना गया।
‘एक था गांव’ को बेस्ट नॉन फीचर फिल्म का अवॉर्ड
69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की इस कड़ी में उत्तराखंड की शॉर्ट फिल्म ‘एक था गांव’ को बेस्ट नॉन फीचर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। जिसके बाद उत्तराखंड में खुशी की लहर है। ‘एक था गांव’ खाली होते पहाड़ों की कहानी है। इस फिल्म में पहाड़ों की मौजूदा हकीकत और घोस्ट विलेज की कहानियों को दिखाया गया है। साथ ही इस फिल्म में पयायन और पहाड़ से जुड़े दूसरे मुद्दों को भी दिखाया गया है। इस फिल्म को कीर्तिनगर विकासखंड के सेमला गांव रहने वाली सृष्टि लखेड़ा ने बनाया है।
एक था गांव एक बुजुर्ग और एक किशोर पर आधारित है। इसमें पहाड़ की कठिनाइियों से साथ ही मौजूदा हालातों को बयां किया गया है। इसमें 80 वर्षीय लीला देवी और 19 वर्षीय गोलू मुख्य भूमिका में हैं। बुजुर्ग लीला गांव में अकेली रहती है। इसकी बेटी की शादी हो चुकी है, जो देहरादून जाने की जिद करती है। लीला इसके लिए तैयार नहीं होती। उसे अपने गांव से प्यार है। जिसके कार वह यहां रहना चाहती है। वहीं, इस फिल्म का दूसरा किरदार गोलू पहाड़ों से निकलकर अपना जीवन जीना चाहती है।
उसे पहाड़ों में कोई भविष्य नजर नहीं आता। जिसके कारण वह मैदानों की ओर जाना चाहती है। फिल्म में आखिर में लीला मजबूरी में देहरादून चली आती है। गोलू भी पढ़ाई के लिए मैदानों की ओर पहुंच जाती है। जिसके कारण गांव सूना खाली हो जाती है। इस फिल्म के माध्यम से दिखाया गया कैसे कोई या तो मजबूरी में या फिर जरूरत के लिए पहाड़ से निकलता है। जिसके कारण पहाड़ दिनों दिन खाली हो रहे हैं।
अपने गांव और आसपास के इलाकों के हालातों को देखते हुए सृष्टि के मन में इस फिल्म को बनाने का ख्याल आया। जिसके बाद उन्होंने अपने दोस्त के साथ मिलकर ‘एक था गांव’ फिल्म बनाई। इस फिल्म को सृष्टि ने इतनी खूबसूरती से बनाया की ये फिल्म हर दिन नये आयाम स्थापित कर रही है।
69वें नैशनल अवॉर्ड जीतने वालों की पूरी लिस्ट
- कैटेगरी: बेस्ट नॉन-फीचर फिल्म : ‘एक था गांव’ (गढ़वाली और इंग्लिश)
- कैटेगरी: बेस्ट फीचर फिल्म : रॉकेट्री: द नंबी इफेक्ट
- कैटेगरी: बेस्ट हिंदी फीचर फिल्म : सरदार उधम
- कैटेगरी: अवॉर्ड फॉर बेस्ट पॉपुलर फिल्म प्रोवाइडिंग होलसम एंटरटेनमेंट : RRR
- कैटेगरी: इंदिरा गांधी अवॉर्ड फॉर बेस्ट डेब्यू फिल्म ऑफ अ डायरेक्टर : मेप्पादियान (मलयालम)
- कैटेगरी: नरगिस दत्त अवॉर्ड फॉर बेस्ट फीचर फिल्म ऑन नैशनल इंटीग्रेशन : द कश्मीर फाइल्स
- कैटेगरी: बेस्ट फिल्म ऑन सोशल इश्यू : अनुनाद: द रेज़ोनेंस
- कैटेगरी: बेस्ट फिल्म ऑन एनवायरनमेंट कंज़र्वेशन/प्रीज़र्वेशन : आवासाव्यूहम (मलयालम)
- कैटेगरी: बेस्ट चिल्ड्रन्स फिल्म : गांधी एंड कंपनी (गुजराती)
- कैटेगरी: बेस्ट डायरेक्शन : निखिल महाजन (गोदावरी)
- कैटेगरी: बेस्ट एक्टर : अल्लू अर्जुन
- कैटेगरी: बेस्ट एक्ट्रेस : आलिया भट्ट (गंगुबाई काठियावाड़ी), कृति सैनन (मिमी)
- कैटेगरी: बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर : पंकज त्रिपाठी (मिमी)
- कैटेगरी: बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस : पल्लवी जोशी (द कश्मीर फाइल्स)
- कैटेगरी: बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट : भाविन रबाड़ी (छेल्लो शो)
- कैटेगरी: बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर : काल भैरव (RRR)
- कैटेगरी: बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर : श्रेया घोशाल (इरविन निलल)
- कैटेगरी: बेस्ट सिनेमैटोग्राफी : अविक मुखोपाध्याय (सरदार उधम)
- कैटेगरी: बेस्ट ओरिजनल स्क्रीनप्ले : नायट्टू
- कैटेगरी: बेस्ट अडैप्टेड स्क्रीनप्ले : गंगुबाई काठियावाड़ी
- कैटेगरी: बेस्ट एडिटिंग : संजय लीला भंसाली (गंगुबाई काठियावाड़ी)
- कैटेगरी: बेस्ट म्यूज़िक डायरेक्टर (सॉन्ग्स) : देवी श्रीप्रसाद (पुष्पा)
- कैटेगरी: बेस्ट म्यूज़िक डायरेक्टर (बैकग्राउंड स्कोर) : एमएम किरवानी
- कैटेगरी: बेस्ट लीरिक्स : चंद्रबोस (कोंडा पोलम)
- कैटेगरी: स्पेशल जूरी अवॉर्ड : शेरशाह
- कैटेगरी: बेस्ट स्पेशल इफेक्ट्स : वी श्रीनिवास मोहन (RRR)
- कैटेगरी: बेस्ट गुजराती फिल्म : छेल्लो शो
- कैटेगरी: बेस्ट बांग्ला फिल्म : कालकोखो
- कैटेगरी: बेस्ट मलयालम फिल्म : होम
- कैटेगरी: बेस्ट तमिल फिल्म : कदैसी विवसाई
- कैटेगरी: बेस्ट कन्नड़ा फीचर फिल्म : 777 चार्ली