नई दिल्ली: शनिवार को अंतर्राष्ट्रीय दिव्यांगजन दिवस पर सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, भारत सरकार द्वारा दिव्यांगजन सशक्तिकरण हेतु देश में सर्वश्रेष्ठ संगठन के रूप में उत्तराखण्ड मुक्त विश्विद्यायल को राष्ट्रीय पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया गया। यह सम्मान देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपती मुर्मू के हाथों से प्रदान किया गया। देश के सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार की उपस्थिति में महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपती मुर्मू के हाथों से यह पुरस्कार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 ओ0 पी0 एस0 नेगी द्वारा लिया गया।
उत्त्राखंण्ड मुक्त विश्वविद्यालय को यह पुरस्कार पुनर्वास पेशेवरों के विकास में संलग्न सर्वश्रेष्ठ संगठन के रूप में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया। पुरस्कार के लिए देशभर के 844 संस्थानों (संगठनों) ने आवेदन किया था। ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय 2015 से विशिष्ट शिक्षा में बीएड संचालित कर रहा है, जिसमें अब तक लगभग 700 छात्र डिग्री ले चुके हैं तथा लगभग 900 अध्ययनरत हैं। उत्त्राखंण्ड मुक्त विश्वविद्यालय राज्य का एकमात्र शिक्षण संस्थान है जो दिव्यांगजनों के लिए विशिष्ट शिक्षक तैयार कर रहा है। विशिष्ट शिक्षा में अभी एलडीएमआर और एचआईवीई कार्यक्रम में विशिष्ट बीएड तथा फाउण्डेशन पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं और अगले सत्र से सांकेतिक भाषा तथा ब्रेनलिपि में पाठ्यक्रम शुरू करने की तैयारी चल रही है।
प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 ओ0 पी0 एस0 नेगी ने हर्ष जताते हुऐ कहा कि इस दिन को विश्वविद्यालय के लिए स्वर्णिम दिवस के रूप में माना जाएगा। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण पुरस्कार 2021 हेतु देश के विभिन्न राज्यों से कुल 844 संस्थानों/ संगठनों ने आवेदन किया था उनमें से यूओयू का चयन सर्वश्रेष्ठ संगठन के रूप में होना विश्वविद्यालय के लिए ही नहीं अपितु पूरे राज्य के लिए गौरव की बात है।
प्रो0 नेगी ने कहा कि यह विश्वविद्यालय की एक बहुत बड़ी अकादमिक उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि विशिष्ट शिक्षा के इन पाठ्यक्रमों की पूरे देश में बहुत डिमांड है, यही कारण है कि इन पाठ्यक्रमों में देश के कई प्रांतों के छात्र अध्ययनरत हैं। जिनमें से केरल, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब, जम्मू कश्मिर, असम, प0 बंगाल, उत्तर प्रदेश तथा हिमांचल प्रदेश शामिल हैं। इस अवसर पर उनके साथ विशिष्ट शिक्षा के समन्वयक डॉ0 सिद्धार्थ पोखरियाल भी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर विश्वविद्यालय की कुलसचिव प्रो रश्मि पन्त, वित्त नियंत्रक आभा गर्खाल तथा सभी शिक्षक एवं कर्मचारियों ने खुशी जाहिर की।