देहरादून: मंकीपाक्स को लेकर उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने एसओपी जारी कर दी है। जिसके तहत सभी जिलों को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं। पिछले दिनों केंद्र सरकार ने मंकीपॉक्स को लेकर सभी राज्यों को दिशा निर्देश जारी किए थे। इसी कड़ी में उत्तराखंड में भी स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। केंद्र के दिशा-निर्देशों पर नेशनल हेल्थ मिशन की ओर से आज एसओपी जारी की है। विभाग ने सभी जिलों के डीएम व सीएमओ को अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
विभाग ने एहतियात के तौर पर विदेश यात्रा से लौटने वालों में मंकीपॉक्स के लक्षणों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं। बता दें कि भारत में भी अब तक मंकीपॉक्स वायरस के 4 मरीज मिल चुके हैं। हालांकि इसी बीच एक राहत की खबर यह भी है कि एक मरीज इस संक्रमण से ठीक हो गया है, लेकिन वहीं केरल के एक 22 साल के मंकीपॉक्स संक्रमण से संक्रमित मरीज की मौत हो गई है।
देश में इस संक्रमण के चलते यह पहला मामला है, जिसमें कि मरीज की मौत हो गई है। एक केस मिलने पर भी उसे प्रकोप माना जाएगा।कोई केस मिलने के बाद तुरंत कांटेक्ट ट्रेसिंग की जाए।किसी संदिग्ध के मिलने पर तुरंत जिला सर्विलांस यूनिट को सूचना दी जाए।
गाइड लाइन के मुताबिक सैंपल भेजे जाएं। रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा जांच की जाए। केसों की संभावना को देखते हुए टारगेटेड सर्विलांस स्थापित किया जाए। फ्रंट लाइन वर्कर्स की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। हालांकि अभी तक उत्तराखंड में मंकीपॉक्स का एक भी मरीज सामने नहीं आया है।
क्या हैं इसके लक्षण?
मंकीपॉक्स के संक्रमण से लक्षणों की शुरुआत तक आमतौर पर 6 से 13 दिनों तक होती है, लेकिन यह 5 से 21 दिनों तक हो सकती है। बुखार, तेज सिरदर्द, लिम्फ नोड्स की सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और एनर्जी की कमी जैसे लक्षण इसकी विशेषता हैं जो पहले स्मॉल पॉक्स की तरह ही नजर आते हैं। इसके साथ ही त्वचा का फटना आमतौर पर बुखार दिखने के 1-3 दिनों के भीतर शुरू हो जाता है। दाने गले के बजाय चेहरे और हाथ-पांव पर ज्यादा केंद्रित होते हैं। यह चेहरे और हाथों की हथेलियों और पैरों के तलवों को ज्यादा प्रभावित करता है।
Uttarakhand | The National Health Mission has issued guidelines to DMs & CMOs to step up surveillance, & to keep the health system on alert, in view of the looming fear of Monkeypox. Under preventive strategy, contact tracing, lab diagnosis & clinical care have been recommended
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 2, 2022