देहरादून: डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो शरीर के दूसरे अंगो को भी प्रभावित करती है। ये बीमारी आजकल हर उम्र के लोगों में देखने को मिलती है। बच्चा हो या बड़ा, इस बीमारी ने हर किसी को अपना शिकार बना रखा है। डायबिटीज को साइलेंट किलर के नाम से भी जाना जाता है। इसके दो टाइप हैं, टाइप 1 जो अनुवांशिक होती है और टाइप 2 जिसके पीछे खराब लाइफस्टाइल और अनहेल्दी खानपान जिम्मेदार होता है। दोनों ही स्थिति में पीड़ित को अपने स्वास्थ का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। वहीं, जैसा कि जिक्र किया गया है, डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है। ऐसे में पीड़ित शख्स को ताउम्र दवाइयों के सहारे ही रहना पड़ता है।
हालांकि, हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो हेल्दी लाइफस्टाइल और खानपान में कुछ खास चीजों को शामिल कर आप डायबिटीज को काफी हद तक कंट्रोल कर सकते हैं। इसी कड़ी में इस लेख में हम आपको एक ऐसी ही खास चीज के बारे में बता रहे हैं, लेकिन उससे पहले जान लेते हैं कि आखिर डायबिटीज है क्या-खराब खानपान और शारिरिक गतिविधियों में ढीलापन पैंक्रियाज से निकलने वाले हार्मोन इंसुलिन की मात्रा को कम करने लगता है। वहीं, बॉडी में इंसुलिन की मात्रा कम होने से शुगर का पाचन सही ढंग से नहीं हो पाता है, जिससे शुगर ब्लड में जमा होना शुरू हो जाती है। इसी स्थिति को डायबिटीज कहते हैं।
डायबिटीज पर असरदार हैं पीले रंग के ये फूल
हम यहां सिंहपर्णी के फूलों की बात कर रहे हैं। आयुर्वेद में सिंहपर्णी के फूल को मधुमेह रोगियों के लिए औषधि माना गया है। इसके अलावा कई शोध में इस बात का दावा किया गया है कि सिंहपर्णी ब्लड शुगर लेवल कम कर डायबिटीज मैनेजमेंट में मददगार है।
कैसे है असरदार
एनसीबीआई यानी नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इनफार्मेशन पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, सिंहपर्णी में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं, जो ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित कर टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। चूहों पर किए गए शोध के नतीजे बताते हैं कि सिंहपर्णी के नियमित सेवन से इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होता है, जिससे इंसुलिन का प्रभाव अधिक पड़ता है। ऐसे में ब्लड में शुगर का लेवल बढ़ता नहीं है। इस तरह ये फूल डायबिटीज को कंट्रोल करने में असरदार साबित होते हैं। इसके अलावा सिंहपर्णी मूत्र संबंधी समस्याओं को दूर करने, तेजी से वजन को घटाने, रक्तचाप को कम करने, पाचन प्रणाली को अच्छा बनाने और हड्डियों को मजबूती देकर गठिया जैसी परेशानी से निजात दिलाने में भी फायदेमंद मानी जाती है।
कैसे करें सेवन
आप सिंहपर्णी से हर्बल टी बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं। आप चाहें तो घर पर ही इसे पानी में उबालकर तैयार कर सकते हैं या इसके टी बैग बाजार या ऑनलाइन भी आसानी से उपलब्ध हैं।
सिंहपर्णी को उबालने से इसकी कड़वाहट काफी हद तक कम हो जाती है। ऐसे में आप इसे उबालने के बाद सब्जियों के साथ पकाकर भी खा सकते हैं। वेजिटेबल सूप बनाते समय आप सिंहपर्णी को इसमें शामिल कर सकते हैं। इन सब के अलावा इसके फूल की पत्तियों को सूखाकर आप इसका चूर्ण बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।