Uttarakhand: राज्य सरकार चाय बागान की विवादित जमीन को कब्जे में लेगी

  • अपर जिलाधिकारी ने 11 भूमि खरीदारों को 11 अगस्त को तलब किया
  • विवादित जमीन की खरीद-फरोख्त करने वालों को नोटिस जारी

देहरादून: देहरादून में चाय बागान की विवादित जमीन की खरीद-फरोख्त करने वाले भूमाफिया पर प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अपर जिलाधिकारी डा. शिव कुमार बरनवाल ने विवादित भूमि को लेकर संबंधित लोगों को नोटिस जारी किये हैं।

इस संबंध में जमीन की खरीद -फरोख्त करने वाले लोगों को 11 अगस्त को अदालत में तलब किया गया है। अपर जिलाधिकारी डा. शिव कुमार बरनवाल चाय बागान और सीलिंग की जमीन की खरीद-फरोख्त मामले की सुनवाई कर रहे हैं।

अदालत ने चाय बागान की भूमि खरीदने वाले विनोद कुमार और दीपचंद अग्रवाल को 11 अगस्त को भूमि संबंधी सभी दस्तावेजों के साथ अदालत में तलब किया है। यह विवादित भूमि रायपुर की खसरा नंबर 1586 है। डा. बरनवाल ने एसडीएम ऋषिकेश और एसडीएम विकास नगर को आदेश दिये हैं कि ढकरानी, आर्केडिया और रायवाला में जो सीलिंग की जमीन है, उसका नया और पुराना पूरा रिकार्ड दिया जाए।

एक जून को एसडीएम और तहसीलदार को लाडपुर के पर्ल व्यू की रिपोर्ट तीन दिन में देने के लिए कही थी, लेकिन दो महीने बाद भी यह रिपोर्ट नहीं दी गयी है। एडवोकेट विकेश नेगी का कहना है कि इस तरह से तो सरकारी जमीन नहीं बचेगी। अधिकारी ही लापरवाही कर रहे हैं।

दरअसल, आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने पिछले साल हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी कि देहरादून में चाय बागान की जमीन की खरीद-फरोख्त चल रही है जो कि गैरकानूनी है। सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि 10 अक्टूबर 1975 के बाद चाय बागान की जमीन की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती है।

 

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