- “पोषण भी पढ़ाई भी” योजना बच्चों के बचपन को संवारने का एक संकल्प : कुसुम कण्डवाल
- मातृशक्ति के सशक्त होने से पूरा परिवार और समाज करता है प्रगति : कुसुम कण्डवाल
देहरादून: राष्ट्रीय महिला आयोग के “नवरात्रि – नवशक्ति नवसंकल्प अभियान” के तहत उत्तराखण्ड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कण्डवाल ने आज राजकीय महिला पॉलिटेक्निक सुद्धोवाला में छात्राओं से संवाद कर उन्हें जागरूक किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि “राज्य का भविष्य सिर्फ उसकी सुंदरता से नहीं, बल्कि उसके लोगों की शक्ति से बनता है। और यह शक्ति, शिक्षा और कौशल से आती है।”
कण्डवाल ने कहा कि सरकार शिक्षा, पोषण और डिजिटल सशक्तिकरण को लेकर लगातार कदम उठा रही है। “पोषण भी पढ़ाई भी” योजना बच्चों के बचपन को संवारने का एक संकल्प है। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चलाए गए ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान ने गाँव-गाँव तक डिजिटल क्रांति पहुंचाई है। आज ग्रामीण क्षेत्र का हर नागरिक मोबाइल और कंप्यूटर का उपयोग कर रहा है, ऑनलाइन आवेदन कर पा रहा है और डिजिटल लेनदेन कर रहा है।
उन्होंने कहा कि महिला समाख्या कार्यक्रम जैसी योजनाएं महिलाओं को उनके अधिकारों और क्षमताओं के प्रति जागरूक कर रही हैं। “जब हमारी माताएँ और बहनें सशक्त होती हैं, तो पूरा परिवार और समाज प्रगति करता है।”
आयोग अध्यक्ष ने बताया कि बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने पॉक्सो अधिनियम और दहेज निषेध अधिनियम जैसे महत्वपूर्ण कानून बनाए हैं। ये कानून समाज की सुरक्षा और चेतना को मजबूत करते हैं।
कण्डवाल ने युवाओं को संदेश दिया कि राज्य की असली ताकत उसकी युवा शक्ति है। “जब हमारे युवा शिक्षित, कुशल और डिजिटल रूप से सशक्त होंगे, तो उत्तराखंड का विकास कोई नहीं रोक पाएगा।”
अंत में उन्होंने सभी से आह्वान किया कि योजनाओं को सफल बनाने में हर नागरिक अपना योगदान दे ताकि उत्तराखंड राज्य शिक्षा, कौशल और डिजिटल सशक्तिकरण के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य बन सके।
अध्यक्ष कण्डवाल ने बताया की यह अभियान में नवरात्रि के नौ दिनों तक चलेगा जिसमे राज्य महिला आयोग समाज के हर क्षेत्र में महिलाओं व बेटियों को जागरूक करेगा।
इस अवसर पर राजकीय महाविद्यालय देहरादून शहर, सुद्धौवाला के प्राचार्य डी एन तिवारी, पंकज बहुगुणा सहित अन्य शिक्षकगण, राजकीय पॉलिटेक्निक के सुमन व अन्य छात्राएं उपस्थित रहे।