रुद्रपुर/ग्वालियर: उधम सिंह नगर पुलिस ने साइबर धोखाधड़ी के एक अंतरराज्यीय रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए मुख्य साजिशकर्ता शैलेंद्र उर्फ शेरू चौहान को गिरफ्तार कर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है।
रुद्रपुर पुलिस व साइबर सेल की संयुक्त टीम ने यह सफलता तकनीकी विश्लेषण, सोशल मीडिया मॉनिटरिंग और प्रभावशाली फील्ड एक्शन के ज़रिए प्राप्त की।
54,999 रुपये की ठगी से हुआ था मामले का खुलासा
29 मई को रुद्रपुर निवासी हरबंस लाल के पेटीएम खाते से ₹54,999 की साइबर ठगी हुई थी। जांच में सामने आया कि यह रकम देश के विभिन्न राज्यों में स्थित खातों में ट्रांसफर की गई, जिससे रैकेट के अंतरराज्यीय नेटवर्क का पता चला।
पहले हो चुकी हैं छह गिरफ्तारियां
इस मामले में रुद्रपुर पुलिस पहले ही बरेली (उत्तर प्रदेश) के छह आरोपियों—प्रशांत कुमार, विजय कुमार, आकाश कुमार, मोहित कुमार, विशाल कुमार और अंकुर कुमार—को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी थी। हालांकि मास्टरमाइंड शैलेंद्र उर्फ शेरू और उसके तीन साथी फरार थे।
सोशल मीडिया बना गिरफ्तारी का जरिया
अभियुक्त के इंस्टाग्राम अकाउंट की बारीकी से जांच की गई। सात वर्षों की पोस्ट्स के विश्लेषण से पता चला कि उसका ग्वालियर (मध्य प्रदेश) से गहरा नाता है। उसकी महंगी गाड़ियों के साथ ली गई तस्वीरों ने पुलिस को गाड़ियों की जांच के जरिये उसके ठिकाने तक पहुंचाया।
ग्वालियर से बरेली तक पीछा, रामपुर रोड से गिरफ्तारी
9 जून को पुलिस ने ग्वालियर में छापेमारी की, लेकिन आरोपी फरार हो गया। मुखबिरों से मिली सूचना के आधार पर उसे 11 जून को बरेली के रामपुर रोड स्थित एक होटल के पास से गिरफ्तार कर लिया गया।
पुराना अपराधी, देशभर में मामले दर्ज
शैलेंद्र के बैंक खातों की जांच में सामने आया कि उसके खिलाफ हिमाचल प्रदेश और तेलंगाना में भी साइबर अपराध के केस दर्ज हैं। इस गिरफ्तारी से पूरे रैकेट की गतिविधियों और नेटवर्क पर से पर्दा उठने की उम्मीद है।
पुलिस की अपील: रहें सतर्क, न करें साझा गोपनीय जानकारी
एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी अज्ञात व्यक्ति को ओटीपी, पासवर्ड या बैंक संबंधी जानकारी साझा न करें। सतर्कता ही साइबर अपराध से बचाव का सबसे प्रभावी उपाय है।