PM मोदी ने ‘मन की बात’ काय्रक्रम में किया घोड़ा लाइब्रेरी’ वाले शुभम का जिक्र

  • मुख्यमंत्री धामी ने सुनी PM मोदी के मन की बात

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को करनपुर, देहरादून स्थित डी.ए.वी.पी.जी कॉलेज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 105वां संस्करण सुना। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने डी.ए.वी.पी.जी कॉलेज के स्मार्ट लाइब्रेरी स्थापना के कार्यों का शुभारंभ किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का मन की बात एक ऐसा कार्यक्रम है, जिसके माध्यम से देश के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों द्वारा सामान्य परिस्थितियों में किए जा रहे सराहनीय कार्यों को आगे लाया जाता है। इससे अन्य लोगों को भी विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। प्रधानमंत्री जी ने नैनीताल के युवाओं द्वारा बच्चों के लिए शुरू की गई अनोखी घोड़ा लाइब्रेरी का जिक्र किया। जिसके माध्यम से नैनीताल जनपद के दुर्गम 12 गांवों में रहने वाले बच्चों को स्कूल की किताबों के अलावा ‘कविताएँ’, ‘कहानियाँ’ और ‘नैतिक शिक्षा’ की किताबें भी पढ़ने को मिल रही है। यह पहल बच्चों को खूब भा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश में मातृशक्ति के उत्थान के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण का विधेयक लोकसभा और राज्यसभा में पारित हो चुका है। राज्य में भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से कार्य किये जा रहे हैं।

सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण की व्यवस्था की गई। राज्य में सभी प्रतियोगी परीक्षाएं पूर्ण पारदर्शिता के साथ हों, इसके लिए सख्त नकल विरोधी कानून लाया गया है। समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में राज्य तेजी से आगे बढ़ रहा है।  इस अवसर पर विधायक खजानदास, प्रधानाचार्य डी.ए.वी पी.जी कॉलेज डॉ. के.आर. जैन, अध्यापकगण एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

जानिए कौन हैं घोड़ा लाइब्रेरी शुरू करने वाले शुभम 

हिमोत्थान के शुभम बधानी ने बताया कि दूरस्थ पर्वतीय गांवों (तल्ला जलना, मल्ला जलना, मल्ला बाघनी, सल्वा एवं बदनधुरा) में जहां ना सड़क हैं, ना जाने की अन्य कोई सुविधाएं, कुछ पगडंडी रास्ते हैं, लेकिन वो भी भूस्खलन की मार झेल रहे हैं। ऐसे में हिमोत्थान टाटा ट्रस्ट द्वारा पर्वतीय गांव बाघनी, छड़ा, सल्वा, जलना के युवाओं एवं स्थानीय शिक्षा प्रेरकों की मदद से घोड़ा लाइब्रेरी की शुरुआत की गई।

प्रत्येक 4-5 दिन के अंतराल में दुर्गम पर्वतीय ग्राम तोकों में घोड़ा लाइब्रेरी के माध्यम से पुस्तकें उपलब्ध कराई गई। इस पहल में शिक्षा प्रेरक सुभाष बधानी, स्थानीय लोग हरीश बधानी, मनोज बधानी, रवि रावत, शरद बधानी, कौशल कुमार आदि का विशेष योगदान रहा।

 

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