देहरादून: घर का नक्शा पास कराने के लिए आवेदक को महीनों चक्कर काटने पड़ते हैं विभिन्न प्रक्रियाओं से होकर गुजर कर विकास प्राधिकरण से बमुश्किल आवासीय नक्शा पास होता था लेकिन अब उत्तराखंड में आवासीय भवनों का नक्शा अब आर्किटेक्ट के स्तर से ही मंजूर हो जाएगा। लोगों को नक्शा पास कराने के लिए अब प्राधिकरण के दफ्तर में चप्पल नहीं घिसने होंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई बैठक में कैबिनेट ने इसकी मंजूरी दी है। मुख्य सचिव ने जानकारी देते हुए बताया कि कैबिनेट ने मास्टर प्लान क्षेत्रों में नक्शे पास करने का अधिकार आर्किटेक्ट को दे दिया है।
उन्होंने कहा कि अभी तक आवासीय भवनों का नक्शा पास करने का अधिकार प्राधिकरण के पास था। जिसमें लंबी प्रक्रिया की वजह से काफी दिक्कतें आती थी। इस समस्या को देखते हुए आवास विभाग की ओर से नया प्रस्ताव तैयार किया गया है। जिसमें राज्य के मास्टर प्लान क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयों का नक्शा पास करने के लिए पहले ही self-certification प्रणाली की जा चुकी है। इसके बाद अब कैबिनेट नहीं यह सुविधा आवासीय भवनों के लिए भी मंजूर कर दी है। मुख्य सचिव ने कहा कि नई व्यवस्था से आम लोगों को काफी लाभ होगा। इसके अलावा प्राधिकरण केवल लैंड यूज़ और शुल्क की जांच करेगा। भवन का नक्शा पास करने की पूरी जिम्मेदारी आर्किटेक्ट की होगी। प्राधिकरण के इंजीनियर सिर्फ नक्शे के मामले में लैंड यूज और जमीन का स्वामित्व और नक्शे के अनुसार शुल्क की जांच करेंगे। इसके अलावा अगर नियम विरुद्ध निर्माण किए गए तो भूस्वामी जिम्मेदार होगा।