बाबा केदार की पंचमुखी उत्सव मूर्ति शीतकालीन गद्दीस्थल श्री ओंकारेश्वर पहुंची

भगवान केदारनाथ की पंचमुखी भोग मूर्ति सोमवार को अपने पंचकेदार शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में छह माह की शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए विराजमान हो गई। जहां डोली का भब्य स्वागत हुआ। इसी के साथ पंचकेदार गद्दी स्थल में शीतकालीन पूजाएं शुरू हो गयी। उल्लेखनीय है कि विगत 5 नवंबर को देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी श्री केदारनाथ दर्शन को पहुंचे‌। शीतकाल हेतु श्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद हुए इसी दिन पंचमुखी उत्सव डोली ने पहले पड़ाव रामपुर हेतु प्रस्थान किया कल श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी प्रवास रहा ।

आज डोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंची। इस अवसर पर पुजारी बागेश लिंग,  रावल श्री भीमाशंकर जी के प्रतिनिधि केदार लिंग, गंगाधर लिंग, शिवशंकर लिंग सहित डोली प्रभारी अरविंद शुक्ला,  पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चंडी प्रसाद भट्ट,दर्जाधारी अजेंद्र अजय  एवं देवस्थानम बोर्ड के अधिकारी- कर्मचारी  क्रमश  सहायक अभियंता गिरीश देवली, आरसी तिवारी, राजकुमार नौटियाल, यदुवीर पुष्पवान, विपिन कुमार, पुप्कर सिंह रावत, प्रेम सिंह रावत , देवी प्रसाद तिवारी,विजय लक्ष्मी पुष्पवान,पूनम राणा,उषा भट्ट,  एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालुजन, तीर्थ पुरोहित स्थानीय पंचगाई प्रतिनिधि मौजूद रहे। देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि  श्री केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में विराजमान होते ही भगवान केदारनाथ जी की शीतकालीन पूजा भी शुरू हो गयी है।

इसी तरह तृतीय केदार तुंगनाथ जी  की शीतकालीन पूजा शीतकालीन गद्दीस्थल श्री मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में संचालित हो रही है। द्वितीय केदार श्री मद्महेश्वर जी के कपाट 22 नवंबर को बंद हो जायेंगे। श्री मद्महेश्वर जी की उत्सव डोली 25 नवंबर को श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। परंपरागत रूप से इसी दिन श्री मद्महेश्वर मेला आयोजित होता है। शीतकाल हेतुश्री केदारनाथ धाम, श्री गंगोत्री श्री यमुनोत्री धाम के कपाट बंद हो चुके है जबकि श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 20 नवंबर को बंद हो जायेंगे।

 

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