देहरादून: बेजुबानों का मसीहा आखिरकार कैंसर से जंग हार गया। अल्प आयु में वन विभाग के सच्चे सिपाही रवि जोशी ने शुक्रवार को दून अस्पताल में दम तोड़ दिया। उत्तराखंड में वन्यजीवों के रेस्क्यू में रवि का कोई सानी नहीं था। अपने जीवन में अनगिनत बार उन्होंने वन्यजीवों को रेस्क्यू कर मानव और वन्यजीव दोनों को सुरक्षित किया। लंबे समय से कैंसर के उपचार के बावजूद जिंदगी ने रवि का साथ छोड़ दिया।
वन विभाग की रेस्क्यू टीम के हेड रवि जोशी कैंसर के बावजूद कभी साप, कभी बंदर, कभी टाइगर, लैपर्ड तो कभी मुसीबत में फंसे परिंदों को रेस्क्यू कर वापस उनकी दुनिया में भेजने की जद्दोजहद में जुटे रहते थे। बेजुबानों को बचाने के इसी संर्घर्ष में कई बार तो खाना और उनकी दवा तक छूट जाती है। रवि ने कभी पान, जर्दा, तंबाकू, गुटखा भी नहीं खाया, लेकिन फिर भी उन्हें मुंह का कैंसर हो गया। एक बार सर्जरी से कैंसर ठीक हो गया था। लेकिन, यह बार-बार वापस आने लगा।
रवि जोशी को मुसीबत में फंसे बेजुबान जानवरों से इतना लगाव था कि वे दिन हो या रात उनकी मदद के लिए तुरंत पहुंच जाते थे। दून ही नहीं आसपास के इलाकों में भी लोग रवि को साप पकड़ने वाले भैया के नाम से जानते हैं।