देहरादून: श्री गुरु राम राय विश्वविद्यालय द्वारा गुरुवार को एसजीआरआर मेडिकल कॉलेज ऑडिटोरियम में “उच्च शिक्षा में नई दिशा” (New direction in Higher Education) विषय पर एक दिवसीय नेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार में विश्वविद्यालय के विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, विभिन्न विषयों के प्राध्यापकगण समेत 800 से अधिक छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। सेमिनार में मुख्य वक्ता के रूप में यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रोफ़ेसर वेद प्रकाश ने प्रतिभागियों को संबोधित किया। सेमिनार के शुभारंभ के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री महंत देवेंद्र दास जी महाराज ने समस्त अतिथियों एवं प्रतिभागियों को सफल आयोजन हेतु शुभकामनाएं दी।
सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व चेयरमैन प्रोफेसर वेद प्रकाश ने अपने संबोधन में देश में उच्च शिक्षा के इतिहास प्राचीन शिक्षा प्रणाली एवं नई शिक्षा नीति के विषय में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हर बच्चे को सशक्त एवं शिक्षित बनने के साथ ही जिम्मेदार नागरिक बनाना बेहद जरूरी है। उन्होंने छात्रों से आह्वाहन करते हुए कहा कि छात्र अपना समय इस शिक्षा में जरूर निवेश करें।
प्रोफ़ेसर वेद प्रकाश ने कहा की नई शिक्षा नीति में हमारे पास शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने का पूरा अवसर है। उन्होंने सेमिनार में आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि टॉप ग्लोबल रैंकिंग में देश के शैक्षिक संस्थानों जगह बनाने के लिए मेहनत करने की आवश्यकता है। उन्होंने सेमिनार में पश्चिमी देशों के जीडीपी के सापेक्ष शिक्षा के लिए जारी बजट के अनुपात के तुलनात्मक आँकड़े पेश किए। ऑफिसर वेद प्रकाश ने विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों को शैक्षणिक गुणवत्ता एवं नवाचार स्थापित करने के लिए अनेक टिप्स दिए।
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर ( डॉक्टर) यशवीर दीवान ने उच्च शिक्षा में छात्रों के लिए नवाचार और शैक्षणिक वातावरण स्थापित करने की दिशा में विस्तार से अपने विचार रखे। सेमिनार में लोकसभा के पूर्व निदेशक प्रोफेसर शिमला ने शिक्षा में शैक्षिक मूल्यों के बारे में विस्तृत व्याख्यान दिया। उन्होंने गुरु परंपरा शैक्षिक मूल्यों आर्थिक मूल्यों के साथ ही शैक्षणिक सिद्धांतों के बारे में विस्तृत जानकारी दी।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अजय कुमार खण्डूड़ी ने अपने वक्तव्य में नई शिक्षा नीति के बारे में छात्र-छात्राओं को विस्तृत जानकारी दी एवं सभी वक्ताओं का आभार प्रकट किया। इस अवसर पर विश्वविध्यालय के सभी संकाओं के संकायाध्यक्ष, स्टाफ एवं छात्र छात्राएं उपस्थित थे।