राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने दिल्ली-देहरादून आर्थिक कॉरिडोर एक्सप्रेसवे को अनुमति दे दी। कोर्ट ने अवैज्ञानिक रूप से कचड़ा फेंके जाने से पर्यावरण को नुकसान ना हो या गणेशपुर-देहरादून मार्ग (एनएच-72ए) भाग में पशु कॉरिडोर में रुकावट ना हो, यह सुनिश्चित करने के लिए 12 सदस्यीय समिति का गठन किया है।
एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता में पीठ ने कहा कि उसके लिए यह मानना मुश्किल है कि परियोजना को वन मंजूरी देने के लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने मूल्यांकन करने में कोई सोच-विचार नहीं किया गया।पीठ ने कहा, “एक बार जब परियोजना का विधिवत मूल्यांकन हो जाता है, तो चरण दो यानी पेड़ काटने की मंजूरी देनी ही होती है। हालांकि, हम देख सकते हैं कि पारदर्शिता के लिए पेड़ काटने की अनुमति चरण एक के तत्काल बाद होनी चाहिए और यह तत्काल वेबसाइट पर अपलोड हो जानी चाहिए।
पैनल ने विशेषज्ञों की 12 सदस्यी स्वतंत्र कमेटी गठित की है, जिसकी अध्यक्षता उत्तराखंड के मुख्य सचिव के साथ-साथ सदस्यों में भारतीय वन्यजीव संस्थान, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, उत्तराखंड राज्य पीसीबी और अन्य होंगे। समिति के सदस्य स्थिति का जायजा लेने के लिए दो सप्ताह में बैठक करेंगे और आगे की कार्ययोजना बनाएंगे।